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कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था

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शिक्षा डेस्क : - कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था आज-कल टेक्निकल होती दुनिया में सब ने इतनी तरक्की कर ली है कि दुनिया में दूरदराज बैठे किसी भी काम को आप कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन कर सकते हैं। कंप्यूटर एकमात्र ऐसा डिवाइस है जिसने दुनिया को टेक्निकल क्षेत्र में एक दूसरे से जोड़े रखा है। कंप्यूटर से सबंधित हर क्षेत्र में काम करने की क्षमता अलग-अलग होती है।  दोस्तों बहुत से लोगों का मानना है की चार्ल्स बैबेज ने कंप्यूटर की खोज की थी।  इन्हे कंप्यूटर जगत के पिता के नाम से भी पुकारा जाता था।  चार्ल्स बैबेज को प्रथम मैकेनिकल कंप्यूटर के सिद्धांतों का पता लगाने का क्रेडिट दिया जाता है। इसके अलावा बहुत से विद्वान लोगों का मानना है की विलियम ऑट्रेड ने अबेकस नाम का पहला कंप्यूटर वर्ष 1622 में बनाया था। इस आधुनिक तकनीकी से बनाए गए कंप्यूटर की नींव Analytical Engine ने रखी थी। वर्ष 1833 से लेकर वर्ष 1878 के बीच कंप्यूटर की शुरुआत चार्ल्स बैबेज ने की थी जो कि एक ब्रिटिश गणितज्ञ थे।   कंप्यूटर का आविष्कार सन 1822 में हुआ। चार्ल्स बैबेज नामक प्रसिद्द माथेमैटिशन ने इस यन्त्...

ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ ने अपना शासन कब संभाला था

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  शिक्षा डेस्क : - फरवरी 1952 में जब उनके पिता की मृत्यु हुई, तब एलिजाबेथ—तब 25 वर्ष की थीं। सात स्वतंत्र राष्ट्रकुल देशों की रानी बनीं: यूनाइटेड किंगडम, कनाडा,  ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और सीलोन (जिसे आज श्रीलंका के नाम से जाना जाता है), साथ ही राष्ट्रमण्डल के प्रमुख। इस साल ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ। के शासन की प्लेटिनम जुबली, यानी 70 साल पूरे हो गए हैं। 6 फरवरी 1952 को पिता किंग जॉर्ज की मौत के बाद एलिजाबेथ ने ब्रिटेन का शासन संभाला। उस वक्त एलिजाबेथ की उम्र महज 25 साल थी। क्वीन एलिजाबेथ शुरुआत से अब तक कुल 14 ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुकी हैं। किंग जॉर्ज पंचम के एक छोटे बेटे की संतान के रूप में, युवा एलिजाबेथ के सिंहासन पर बैठने की बहुत कम संभावना थी, जब तक कि उसके चाचा, एडवर्ड VIII (बाद में विंडसर के ड्यूक) ने 11 दिसंबर, 1936 को अपने पिता के पक्ष में त्याग नहीं दिया, उस समय उसके पिता किंग जॉर्ज VI बन गए और वह प्रकल्पित उत्तराधिकारी बन गई। जॉर्ज I 1714-27 जॉर्ज II ​​1727-60 जॉर्ज III 1760-1820 अमेरिकी उपनिवेशों को खो दिया जॉर्ज IV 1...

6 फरवरी देश विदेश इतिहास महत्वपूर्ण घटना।

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शिक्षा डेस्क : - आज इस आर्टिकल में हम आपको 6 फरवरी का इतिहास –के बारे में बताने जा रहे है। हमारा इतिहास इतना बड़ा है कि इसे याद रख पाना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है। इसीलिए हमारी वेबसाइट पर हम आपको हर रोज यानी तारीख के हिसाब से आज की दिन घटित हुई घटनाओं का विवरण दे रहे है जिसकी मदद से आप अपने ज्ञान को बढ़ा सकते है। 1831 - बेल्जियम में संविधान लागू हुआ था  1915 - चलती ट्रेन से पहली बार भेजा गया वायरलेस संदेश रेलवे स्टेशन को प्राप्त हुआ था  1918 – 30 वर्ष से अधिक आयु के ब्रिटिश महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला था 1922 वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हथियारों को नियंत्रित और कम करने के लिए पंचमुखी समझौता हुआ। 1922 ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, इटली और अमेरिका ने नौसेना हथियारों की दौड़ से बचने के लिए वाशिंगटन नेवल ट्रीटी पर हस्ताक्षर किए। 1928 अभिनेत्री मे क्लार्क ने शिकागो के नर्तक और हास्य अभिनेता लेव ब्रूस से शादी की। 1935 स्विट्जरलैंड, जर्मनी और आस्ट्रिया में हिमस्खलन में 14 लोग मारे गए। 1936 खोजियों के एक दल ने चार वर्ष के गहन प्रयास के बाद विश्व के सबसे ठंडे क्ष...

तक्षशिला विद्यालय की स्थापना कब की किसने करवाया थी।

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शिक्षा डेस्क : - तक्षशिला विश्वविद्यालय वर्तमान पाकिस्तान के रावलपिडी से 18 मील उत्तर की ओर स्थित था। जिस नगर में यह विश्वविद्यालय था उसके बारे में कहा जाता है कि श्री राम के भाई भरत के पुत्र तक्ष ने उस नगर की स्थापना की थी। यह विश्व का प्रथम विश्विद्यालय था जिसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व में की गई थी।  आयुर्वेद विज्ञान का सबसे बड़ा केन्द्र : - 500 ई. पू. जब संसार में चिकित्सा शास्त्र की परंपरा भी नहीं थी तब तक्षशिला'आयुर्वेद विज्ञान'का सबसे बड़ा केन्द्र था। जातक कथाओं एवं विदेशी पर्यटकों के लेख से पता चलता है कि यहां के स्नातक मस्तिष्क के भीतर तथा अंतड़ियों तक का ऑपरेशन बड़ी सुगमता से कर लेते थे। अनेक असाध्य रोगों के उपचार सरल एवं सुलभ जड़ी बूटियों से करते थे। इसके अतिरिक्त अनेक दुर्लभ जड़ी-बूटियों का भी उन्हें ज्ञान था। शिष्य आचार्य के आश्रम में रहकर विद्याध्ययन करते थे। एक आचार्य के पास अनेक विद्यार्थी रहते थे। इनकी संख्या प्राय: सौ से अधिक होती थी और अनेक बार 500 तक पहुंच जाती थी। अध्ययन में क्रियात्मक कार्य को बहुत महत्त्व दिया जाता था। छात्रों को देशाटन भी कराया जाता थ...

महाजनपद एवं राजधानी महत्वपूर्ण उल्लेख।

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शिक्षा डेस्क : - भारतीय इतिहास में छठी शताब्दी ई. पू. को एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी काल माना जाता है| इस काल को प्रायः आरंभिक राज्यो, नगरों, लोहे के बढ़ते प्रयोग और सिक्कों के विकास के साथ जोड़ा जाता है| बौद्ध और जैन धर्म के आरंभिक ग्रन्थों में महाजनपद नाम से 16 राज्यो का उल्लेख मिलता है| यद्यपि महाजनपदों के नाम की सूचि इन ग्रन्थों में एकसमान नहीं लेकिन वज्जि, मगध, कोशल, कुरु, पांचाल, गान्धार और अवन्ति जैसे नाम प्रायः मिलते है । बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तरनिकाय में 16 महाजनपदों का उल्लेख है, बौद्ध ग्रन्थ महावस्तु तथा जैन ग्रन्थ भगवतीसूत्र में भी 16 महाजनपदों की सुचना मिलती है, किन्तु महावस्तु में गान्धार और कम्बोज के बदले पंजाब में शिवा तथा मध्य भारत में दर्शन का उल्लेख है| उसी तरह भगवती सूत्र में बंग एवं मलय जनपदों का उल्लेख है| चुल्लनिध्देश में 16 महाजनपदों का उल्लेख है| इसमें कम्बोज की जगह कलिंग तथा गांधार की जगह योन का उल्लेख है । अवन्ति : - इसकी पहचान मध्य प्रदेश के आधुनिक मालवा क्षेत्र से की जा सकती है | विन्ध्य पर्वत श्रृंखला इसे 2  भाग में विभाजित करती थी ― उत्तरी अवन्त...

विश्व कैंसर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है।

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शिक्षा डेस्क : - विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरूआत सन 1933 में हुई, जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर संघ द्वारा जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। इसके अलावा कैंसर के बढ़ते प्रकोप और इसके भयावह परिणामों को देखते विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया, ताकि आने वाले समय में इसके प्रति जागरूकता का आंकड़ा बढ़े और कई जिंदगि‍यों को इससे बचाया जा सके। वर्ष 2023 में विश्व कैंसर दिवस की थीम क्या है :- वर्ष 2023 में विश्व कैंसर दिवस की थीम ‘क्लोज द केयर गैप’  रखी गयी है जो की सम्पूर्ण दुनिया के कैंसर पीड़ित नागरिकों को इस जंग में लड़ने हेतु समान सुविधाएँ एवं चिकित्सा सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है। विश्व कैंसर दिवस क्यों मनाया जाता है:- हर साल विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को मनाया जाता है। UICC का प्राथमिक उद्देश्य कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है। साथ ही लोगों में कैंसर के लक्षणों को पहचान पाने के लिए प्रयास करना, उनमें जागरुकता बढ़ाना। इस बीमारी को लेकर लोगों को शिक्षित करना, सरकारी...

4 फरवरी का देश विदेश की महत्वपूर्ण घटनाएं

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शिक्षा डेस्क :- भारतीय  तिहास में आज 4 फरवरी का दिन अमर है। आजादी की लड़ाई में 4 फरवरी का दिन यादगार बन गया। आज के ही दिन चौरी-चौरा कांड हुआ था।  जिसके बाद महात्मा गांधी को असहयोग आंदोलन  वापस लेना पड़ा था। 4 फ़रवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ –   1620 - हंगरी के प्रिंस बेथलेन और रोम के सम्राट फर्डीनेंड द्वितीय के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।  1783 - इटली के कैलब्रिया में आये भीषण भूकंप में 50 हजार लोग मारे गये। 1797 - इक्वाडोर की राजधानी क्वीटो में आये विनाशकारी भूकंप में 41 हजार से अधिक लोग मारे गये। 1847 - मैरीलैंड में अमेरिका की पहली टेलीग्राफ कंपनी की स्थापना की गयी।  1881 - लोकमान्य तिलक के संपादन में दैनिक समाचार पत्र 'केसरी' का पहला अंक आया था। 1895 - पहले रोलिंग लिफ्ट पुल का उद्घाटन अमेरिका के शिकागो में हुआ।  1920 - लंदन से दक्षिण अफ्रीका के बीच पहली विमान सेवा शुरू। 1924 - महात्मा गाँधी को उनका ख़राब स्वास्थ्य होने के कारण समय से पहले ही जेल से रिहा कर दिया गया।  1932 - न्यूयार्क के लेक प्लेसिड में तीसरे शीतकालीन ओलंपिक का श...

भारतीय संविधान को कब बनाया गया और कैसे इसका निर्माण हुआ।

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भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ? शिक्षा डेस्क : - भारत देश में सबसे ऊंचा पद भारतीय संविधान का है। सरकार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति, प्नधानमंत्री कोई भी इससे ऊपर नही है। सब इसके दायरे में रहकर काम करना होता है। भारत के वर्तमान संविधान को बनाने के लिये आजादी के पहले से ही प्रयास किये जा रहे थे। दरअसल अंग्रेजी सरकार को ये पता था कि उन्हें जल्दी ही भारत को छोड़ना ही होगा। इसलिये उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हम सब को ये पता होना चाहिये कि भारत के संविधान का निर्माण कैसे हुआ।  संविधान सभा की स्थापना:- सबसे पहले 1946 के कैबिनेट मिशन ने भारत के लिये एक नया संविधान बनाने के लिये संविधान सभा की स्थापना की सिफारिश की थी और इसके लिये जुलाई 1946 में चुनाव हुये थे जिसके बाद संविधान सभा में 389 सदस्य थे, हालांकि बाद में इस घटा कर 299 कर दिया गया क्योंकि अंग्रेजी सरकार ने पाकिस्तान के लिये एक अलग संविधान सभा का गठन किया था। लेकिन अंग्रेजी सरकार द्वारा बनाई गई इस संविधान सभा की शक्तियां सीमित थी पर अग्रेजों ने ही 1947 के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम द्वारा ...

सातवाहन वंश का संस्थापक और उसका अंतिम शासक कौन था

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शिक्षा डेस्क : - सातवाहन वंश:-सातवाहन वंश (60 ई.पू. से 240 ई.) भारत का प्राचीन राजवंश था, जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया था। भारतीय इतिहास में यह राजवंश 'आन्ध्र वंश' के नाम से भी विख्यात है। सातवाहन वंश का प्रारम्भिक राजा सिमुक था। इस वंश के राजाओं ने विदेशी आक्रमणकारियों से जमकर संघर्ष किया था। इन राजाओं ने शक आक्रांताओं को सहजता से भारत में पैर नहीं जमाने दिये। सातवाहन वंश, प्राचीन भारत राजवंश है। सातवाहन राजाओं ने 450 वर्षों तक शासन किया। सातवाहन वंश की स्थापना 230 से 60 ईसा पूर्व के बीच राजा सीमुक ने की थी। सातवाहन राजवंंश के सीमुक, शातकर्णी प्रथम, गौतमी पुत्र शातकर्णी, वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी, यज्ञश्री शातकारणी प्रमुख राजा थे। सातवाहन वंश की स्थापना 230 से 60 ईसा पूर्व के बीच राजा सीमुक ने की थी। सातवाहन राजवंंश के सीमुक, शातकर्णी प्रथम, गौतमी पुत्र शातकर्णी, वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी, यज्ञश्री शातकारणी प्रमुख राजा थे। प्रतिष्ठान सातवाहन वंश की राजधानी रही , यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। सांस्कृतिक और धार्मिक सामाजिक दशा :- सातवाहन साम्राज्य में वर्ण व्यवस्थ...

देश विदेश में 3 फरवरी का इतिहास महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना।

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3 फरवरी का इतिहास  शिक्षा डेस्क : - 3 फरवरी का दिन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस दिन 1815 में पनीर उत्पादन का पहला कारखाना स्वीट्जरलैंड में खोला गया। साथ ही कई घटनाएं हुईं. जिन्होंने आने वाले कल पर अपना असर छोड़ा।  इस दिन कई मशहूर हस्तियों जैसे प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान, रीमा लागू का जन्म हुआ। वहीं कई हस्तियों जैसे लोकप्रिय नेता सीएन अन्‍नादुरई का निधन हुआ। 1945 - रूस द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ युद्ध में शामिल होने पर सहमत हुआ।  1954 - इलाहाबाद कुम्भ मेले में हुए हादसे में 500 से अधिक की मौत।  1969 - तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सी.एन. अन्नादुरई का निधन।  1970 - भारत के पहले और दुनिया के सबसे बड़े कोयला आधारित उर्वरक संयंत्र की तलचर में आधारशिला रखी गई।  1972 - जापान के सप्पारो में एशिया में पहली बार शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन किया गया।  1988 - पहली परमाणु पनडुब्बी (आईएनएस चक्र) भारतीय सेना में शामिल। 1957 - भारतीय अभिनेत्री दीप्ति नवल का जन्म 3 फरवरी 1957 को हुआ था। 1963 - भारतीय अर्थशास्त्री रघुराम राजन का जन्म 3 फरवरी 1963 को...

मौर्य साम्राज्य के बाद कौनसा शासक आया था और उसके प्रमुख शासक।

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  शिक्षा डेस्क : - वैसे तो भारत वीर और महान राजाओं, जिनकी वीरता और महानता इतिहास आज भी कह रहा है, की ही भूमि है लेकिन कभी कभी कुछ मामले ऐसे हो जाते हैं जिन्हें हम अपवाद कहने लगते हैं। ऐसे ही एक महाप्रतापी राजा हुए हैं जिनका नाम है पुष्यमित्र शुंग। आपको बता दें कि शुंग वंश की शुरुआत पुष्यमित्र शुंग से ही होती है। वह जन्मना ब्राह्मण और कर्मणा क्षत्रीय थे। क्यों पुष्यमित्र शुंग को मौर्य साम्राज्य का खात्मा करना पड़ा।  जब भारत में चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन काल था तब ये कहानी आरम्भ होती है।  जैसा कि आपको मालूम ही होगा कि चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु स्वयं आचार्य चाणक्य थे।  आचार्य ने हमेशा ही राष्ट्रवाद को आगे ले जाने का मार्ग सबके लिए प्रशस्त किया।  लेकिन जब आचार्य चाणक्य की मृत्यु हुई तो चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म अपना लिया और उसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया।  शुंग कौन थे? :- अंतिम मौर्य सम्राट ब्रहद्रथ की हत्या करके पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य साम्राज्य को समाप्त किया और एक नए वंश की नीवं रखी। यह नया वंश शुंग वंश के नाम से जाना जाता है। यह कहा जाता है कि जब ब्र...

देश -विदेश में 2 फरवरी का इतिहास महत्वपूर्ण घटनाएं

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शिक्षा डेस्क : - हर साल 2 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है। यह दिन 2 फरवरी, 1971 को ईरान के रामसर में आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन को अपनाने की तारीख को चिह्नित करता है। यह पहली बार 1997 में मनाया गया था। 1 फरवरी को भारतीय तटरक्षक बल अपना स्थापना दिवस मनाता है। भारतीय तटरक्षक बल ने भारत के समुद्री क्षेत्रों के भीतर भारतीय तटों की सुरक्षा और नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2 फ़रवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ  1509 - भारत में दीव (गोआ, दमन और दीव) के पास पुर्तग़ाल व तुर्की के बीच युद्ध हुआ।  1556 - चीन के शैन्सी प्रांत में आये विनाशकारी भूकंप में करीब आठ लाख तीस हजार लोगों की मौत हुई।  1626 - चार्ल्स प्रथम इंग्लैंड के सम्राट बने।  1788 - देश में प्रशासनिक सुधारों के लिये पिट्स नियामक अधिनियम को लागू किया गया।  1814 - कलकत्ता (अब कोलकाता) संग्रहालय की स्थापना हुई।  1862 - शंभूनाथ पंडित कलकत्ता उच्च न्यायालय के पहले भारतीय न्यायाधीश बने। 1878 - यूनान ने तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। 1890 - अमेरिकन एक्टर चार्ल्स क...

1 फरवरी को देश विदेश के इतिहास की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाए।

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 1  फरवरी इतिहास की घटना  शिक्षा डेस्क :-  भारत और विश्व इतिहास में 01 फरवरी का अपना ही एक खास महत्व है, क्योकि इस दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी जो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज होकर रह गईं हैं। आईये जानते हैं 01 फरवरी की ऐसी ही कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाएँ जिन्हे जानकर आपका सामान्य ज्ञान बढ़ेगा। एकत्रित तथ्य ऐसे होंगे जैसे : आज के दिन जन्मे चर्चित व्यक्ति, प्रसिद्ध व्यक्तियों के निधन, युद्ध संधि, किसी देश के आजादी, नई तकनिकी का अविष्कार, सत्ता का बदलना, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिवस इत्यादि। 1 फरवरी का इतिहास –  लॉर्ड कार्नवालिस आज ही के दिन 1786 में भारत के गवर्नर जनरल बने। न्यूयार्क शहर में 1 फरवरी 1790 में पहली बार ‘सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ द यूनाइटेड स्टेट्स’ का आयोजन किया गया। ‘यूनाइटेड किंगडम’ और नीदरलैंड पर फ़्रांस ने आज ही के दिन 1793 में युद्ध की घोषणा की। लार्ड काॅर्नवालिस ने 1 फरवरी 1797 में बंगाल के गवर्नर जनरल के पद की शपथ ली। फिलीपींस में 1 फरवरी 1814 में ज्वालामुखी फटने से करीब 1,200 लोगों की माैत हुई। कलकत्ता बंगाल क्लब की स्थापना 1 फरवर...

31 जनवरी की देश विदेश महत्वपूर्ण इतिहास ऐतिहासिक घटना।

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 शिक्षा डेस्क : - अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में 31 जनवरी का विशेष महत्व है। दरअसल यह अजब संयोग है कि अमेरिका ने 31 जनवरी 1958 को अपना पहला अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में भेजा और इसी तारीख को नासा ने जीवित प्राणियों पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक चिंपांजी को अंतरिक्ष में भेजा। 31 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ 1599: ब्रिटेन की रानी एलिज़ाबेथ प्रथम के आदेश पर भारत में ब्रिटेन की पहली ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना हुई. 1850: चीन में ताए पींगहा (जनता का संकल्प )नाम से सबसे बड़ा जनान्दोलन आरंभ हुआ. 1893: अमेरिका में पहली बार ‘कोका कोला’ ट्रेडमार्क का पेटेंट किया गया. 1958: अमेरिका ने पहले भू-उपग्रह का प्रक्षेपण किया. 1561 - मुग़ल बादशाह अकबर के संरक्षक बैरम ख़ाँ की गुजरात के पाटण में हत्या कर दी गई। 1606 - ब्रिटेन में तख़्त के ख़िलाफ़ साजिश करने वाले गाइफ़ाक्स को मौत के घाट उतार दिया। 1865 - अमेरिका में 'दासता उन्मूलन' संबंधी 13वां संशोधन विधेयक स्वीकृत हुआ। 1884 - रूसी फ़ौजों ने अफ़ग़ानिस्तान के अमीर के मर्व छीन लिया। 1915 - 'प्रथम विश्व युद्ध' के दौरान जर्मनी ने...

30 जनवरी को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मर कर हत्या क्यों की थी।

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शिक्षा डेस्क :-   इस बात की कल्‍पना ही की जा सकती है कि जब नाथूराम गोडसे ने महात्‍मा गांधी की हत्या की होगी, तो मौके पर माहौल क्‍या रहा होगा। लोग स्तब्ध रह गए होंगे।  नफरत से भर उठे होंगे। गोडसे के लिेए द्वेष रहा होगा। चौराहे पर फांसी देने की मांग उठी होगी। कोर्ट के बाहर प्रदर्शन होते होंगे। अपराधियों को भारी सुरक्षा में कोर्ट लाया जाता होगा। गोडसे और उसके साथी तनाव से भरे रहते होंगे। बापू का समाधिस्‍थल राजघाट लोगों से भरा रहता होगा। लेकिन हकीकत में ऐसा तिनका भर भी नहीं हुआ।  30 जनवरी 1948 को गोडसे ने जो ‘कुकृत्य’ किया, पूरे देश से उसे लानतें मिलीं।  बापू तब दैनिक प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए जा रहे थे।  बिड़ला हाउस में दक्षिणपंथी उग्रवादी नाथूराम गोडसे ने उन्हें गोली मार दी। हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्षधर महात्मा गांधी की हत्या का प्रयास पहले भी हुआ था। 1934 के बाद से उनकी हत्या के लिए 5 बार हमले किए गए थे, जो नाकाम रहे।  38 वर्षीय जोशीले गोडसे एक दक्षिणपंथी पार्टी हिंदू महासभा के सदस्य थे।  इस पार्टी ने गांधी पर मुसलमान समर्थक होने और पाकिस...

26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है।

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   शिक्षा डेस्क :- हर साल हम बहुत ही धूम-धाम से गणतंत्र दिवस मनाते है। भारत को गणतंत्र देश का दर्जा मिला था।  भारत के लिए ये गर्व की बात है।  लेकिन आपने कभी सोचा है कि देश भर में 26 जनवरी को ही क्यों गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। जबकि भारत का संविधान बनकर पहले ही तैयार कर लिया गया था। आखिर ऐसा क्या कारण था कि दो महीने का इंतजार करना पड़ा संविधान लागू करने के लिए। आज हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे। हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था।  इसलिए हर साल इसलिए 26 नंवबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बात ध्यान रखें कि इस 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ था लेकिन लागू नहीं किया गया था।  इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया है।  26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। यही वजह है कि हर साल इस खास दिन की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।  गणतंत्र दिवस का महत्व  भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था।  26 जनवरी 1950 को भारत में सविधान को ...

देश विदेश में 26 जनवरी के इतिहास की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ।

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  26  जनवरी का इतिहास  शिक्षा डेस्क :- भारत वर्ष के राजनीतिक इतिहास में दो तिथियां ऐसी हैं जिनको भारतवासियों की आने वाली पीढ़ियां भी कभी नहीं भुला पाएंगी। इनमें एक तिथि 14 और 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि की और दूसरी तिथि 26 जनवरी 1950 की है। पहली तिथि पर भारत को सदियों की अंग्रेजों की गुलामी के बाद आजादी मिली और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने मंत्रिमंडल के साथ भारत की सत्ता संभाली। दूसरी तिथि पर 26 जनवरी को हमें तीन बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं, जिनमें पहली उपलब्धि के रूप में वह संविधान मिला जिसे भारत के लोगों ने स्वंय अपना भविष्य तय करने के लिए बनाया था। एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। दूसरी उपलब्धि राष्ट्र को अपना मूल नाम ‘‘भारत ’’ वापस मिला। तीसरी बड़ी उपलब्धि ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त गर्वन...

24 जनवरी की देश विदेश ऐतिहासिक घटना महत्वपूर्ण इतिहास।

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  24  जनवरी इतिहास  शिक्षा डेस्क : - हर साल 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाने की सबसे बड़ी वजह भारत की पहली प्रधानमंत्री बनने वाली इंदिरा गांधी से जुड़ी हुई है। 24 जनवरी 1966 को पहली बार बतौर प्रधानमंत्री पूर्व प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी ने अपना कार्यभार भी संभाला था। ये भारत के लिए बहुत ही गर्व की बात थी। 24 जनवरी, 1950 वो दिन था जब संविधान को बनाने वाली कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली आखिरी बार इकट्‌ठा हुई थी। उस दिन तीन बड़े काम हुए थे… पहला, कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली के सभी सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। ये हस्ताक्षर ही हमारे संविधान पर फाइनल मुहर थी। राष्ट्रीय बालिका दिवस पहली बार 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट) द्वारा की गई थी। उस दिन के बाद से इस दिवस को हर साल 24 जनवरी को मनाया जा रहा है। समाज में समानता लाने के लिए भारत सरकार ने नेशनल गर्ल चाइल्ड डे की शुरुआत की थी।  बालिका दिवस को मनाने का सबसे बड़ा कारण समाज में लोगों को...