26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है।
शिक्षा डेस्क :- हर साल हम बहुत ही धूम-धाम से गणतंत्र दिवस मनाते है। भारत को गणतंत्र देश का दर्जा मिला था। भारत के लिए ये गर्व की बात है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि देश भर में 26 जनवरी को ही क्यों गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। जबकि भारत का संविधान बनकर पहले ही तैयार कर लिया गया था। आखिर ऐसा क्या कारण था कि दो महीने का इंतजार करना पड़ा संविधान लागू करने के लिए। आज हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे। हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था। इसलिए हर साल इसलिए 26 नंवबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बात ध्यान रखें कि इस 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ था लेकिन लागू नहीं किया गया था।
इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया है। 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। यही वजह है कि हर साल इस खास दिन की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस का महत्व
भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। 26 जनवरी 1950 को भारत में सविधान को अपनाया गया था, जिसके बाद से भारत एक लोकतांत्रिक देश घोषित कर दिया गया। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराया और भारत को पूर्ण रूप से गणतंत्र घोषित किया था। इसके बाद से ही 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संविधान निर्माता के नाम से प्रसिद्ध बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने तकरीबन 2 साल और 11 महीने से ज्यादा का वक्त लेकर संविधान लिखा। संविधान निर्माण के लिए 22 समितियां बनाई गई थीं। जिसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण थी प्रारूप समिति। बाबा साहेब इसी समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद को संविधान सौंपा। जिसे आने वाली 26 जनवरी यानि 26 जनवरी 1950 में लागू कर दिया गया।
भारत 26 जनवरी 1950 को 10 बजकर 18 मिनट पर एक गणतंत्र राष्ट्र बना। जिसके ठीक 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति के रूप में पहली बार बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से बाहर निकले जहां उन्हें पहली बार से सेना ने सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जिसके बाद से 26 जनवरी के मौके पर हर साल इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक भव्य परेड होती है। इस परेड में भारतीय सेना, वायु सेना, नौसेना के साथ-साथ कई रेजिमेंट हिस्सा लेती हैं। वही इस दिन भारतवासी तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान के साथ साथ कई तरह के आयोजन भी करते है और अपने देश के इस गौरव भरे दिन का हिस्सा बनते है।
26 जनवरी यूं बना गणतंत्र दिवस
अंग्रेजों ने 15 अगस्त 1947 को आधिकारिक रूप से भारत को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया। जिसके बाद जाहिरतौर पर स्वाधिनता दिवस इसी दिन मनाया जाना था। आजादी के लिए आंदोलन करने वालों की ख्वाहिश ये थी कि 26 जनवरी का महत्व भी खत्म नहीं होना चाहिए। आजादी मिलने के तीन साल बाद देश का अपना संविधान लागू हुआ। बाबा साहेब अंबेडकर के लिए इस संविधान को और 26 जनवरी के ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया।
कौन फहराता है झंडा
राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेते हैं और राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके साथ राज्यों की राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज संबंधित राज्यों के राज्यपाल राज्य की राजधानियों में गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं और राज्य की राजधानियों में मुख्यमंत्री।

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