Posts

Showing posts with the label General Studies Questions

6 फरवरी देश विदेश इतिहास महत्वपूर्ण घटना।

Image
शिक्षा डेस्क : - आज इस आर्टिकल में हम आपको 6 फरवरी का इतिहास –के बारे में बताने जा रहे है। हमारा इतिहास इतना बड़ा है कि इसे याद रख पाना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है। इसीलिए हमारी वेबसाइट पर हम आपको हर रोज यानी तारीख के हिसाब से आज की दिन घटित हुई घटनाओं का विवरण दे रहे है जिसकी मदद से आप अपने ज्ञान को बढ़ा सकते है। 1831 - बेल्जियम में संविधान लागू हुआ था  1915 - चलती ट्रेन से पहली बार भेजा गया वायरलेस संदेश रेलवे स्टेशन को प्राप्त हुआ था  1918 – 30 वर्ष से अधिक आयु के ब्रिटिश महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला था 1922 वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हथियारों को नियंत्रित और कम करने के लिए पंचमुखी समझौता हुआ। 1922 ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, इटली और अमेरिका ने नौसेना हथियारों की दौड़ से बचने के लिए वाशिंगटन नेवल ट्रीटी पर हस्ताक्षर किए। 1928 अभिनेत्री मे क्लार्क ने शिकागो के नर्तक और हास्य अभिनेता लेव ब्रूस से शादी की। 1935 स्विट्जरलैंड, जर्मनी और आस्ट्रिया में हिमस्खलन में 14 लोग मारे गए। 1936 खोजियों के एक दल ने चार वर्ष के गहन प्रयास के बाद विश्व के सबसे ठंडे क्ष...

तक्षशिला विद्यालय की स्थापना कब की किसने करवाया थी।

Image
शिक्षा डेस्क : - तक्षशिला विश्वविद्यालय वर्तमान पाकिस्तान के रावलपिडी से 18 मील उत्तर की ओर स्थित था। जिस नगर में यह विश्वविद्यालय था उसके बारे में कहा जाता है कि श्री राम के भाई भरत के पुत्र तक्ष ने उस नगर की स्थापना की थी। यह विश्व का प्रथम विश्विद्यालय था जिसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व में की गई थी।  आयुर्वेद विज्ञान का सबसे बड़ा केन्द्र : - 500 ई. पू. जब संसार में चिकित्सा शास्त्र की परंपरा भी नहीं थी तब तक्षशिला'आयुर्वेद विज्ञान'का सबसे बड़ा केन्द्र था। जातक कथाओं एवं विदेशी पर्यटकों के लेख से पता चलता है कि यहां के स्नातक मस्तिष्क के भीतर तथा अंतड़ियों तक का ऑपरेशन बड़ी सुगमता से कर लेते थे। अनेक असाध्य रोगों के उपचार सरल एवं सुलभ जड़ी बूटियों से करते थे। इसके अतिरिक्त अनेक दुर्लभ जड़ी-बूटियों का भी उन्हें ज्ञान था। शिष्य आचार्य के आश्रम में रहकर विद्याध्ययन करते थे। एक आचार्य के पास अनेक विद्यार्थी रहते थे। इनकी संख्या प्राय: सौ से अधिक होती थी और अनेक बार 500 तक पहुंच जाती थी। अध्ययन में क्रियात्मक कार्य को बहुत महत्त्व दिया जाता था। छात्रों को देशाटन भी कराया जाता थ...

महाजनपद एवं राजधानी महत्वपूर्ण उल्लेख।

Image
शिक्षा डेस्क : - भारतीय इतिहास में छठी शताब्दी ई. पू. को एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी काल माना जाता है| इस काल को प्रायः आरंभिक राज्यो, नगरों, लोहे के बढ़ते प्रयोग और सिक्कों के विकास के साथ जोड़ा जाता है| बौद्ध और जैन धर्म के आरंभिक ग्रन्थों में महाजनपद नाम से 16 राज्यो का उल्लेख मिलता है| यद्यपि महाजनपदों के नाम की सूचि इन ग्रन्थों में एकसमान नहीं लेकिन वज्जि, मगध, कोशल, कुरु, पांचाल, गान्धार और अवन्ति जैसे नाम प्रायः मिलते है । बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तरनिकाय में 16 महाजनपदों का उल्लेख है, बौद्ध ग्रन्थ महावस्तु तथा जैन ग्रन्थ भगवतीसूत्र में भी 16 महाजनपदों की सुचना मिलती है, किन्तु महावस्तु में गान्धार और कम्बोज के बदले पंजाब में शिवा तथा मध्य भारत में दर्शन का उल्लेख है| उसी तरह भगवती सूत्र में बंग एवं मलय जनपदों का उल्लेख है| चुल्लनिध्देश में 16 महाजनपदों का उल्लेख है| इसमें कम्बोज की जगह कलिंग तथा गांधार की जगह योन का उल्लेख है । अवन्ति : - इसकी पहचान मध्य प्रदेश के आधुनिक मालवा क्षेत्र से की जा सकती है | विन्ध्य पर्वत श्रृंखला इसे 2  भाग में विभाजित करती थी ― उत्तरी अवन्त...

विश्व कैंसर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है।

Image
शिक्षा डेस्क : - विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरूआत सन 1933 में हुई, जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर संघ द्वारा जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। इसके अलावा कैंसर के बढ़ते प्रकोप और इसके भयावह परिणामों को देखते विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया, ताकि आने वाले समय में इसके प्रति जागरूकता का आंकड़ा बढ़े और कई जिंदगि‍यों को इससे बचाया जा सके। वर्ष 2023 में विश्व कैंसर दिवस की थीम क्या है :- वर्ष 2023 में विश्व कैंसर दिवस की थीम ‘क्लोज द केयर गैप’  रखी गयी है जो की सम्पूर्ण दुनिया के कैंसर पीड़ित नागरिकों को इस जंग में लड़ने हेतु समान सुविधाएँ एवं चिकित्सा सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है। विश्व कैंसर दिवस क्यों मनाया जाता है:- हर साल विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को मनाया जाता है। UICC का प्राथमिक उद्देश्य कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है। साथ ही लोगों में कैंसर के लक्षणों को पहचान पाने के लिए प्रयास करना, उनमें जागरुकता बढ़ाना। इस बीमारी को लेकर लोगों को शिक्षित करना, सरकारी...

4 फरवरी का देश विदेश की महत्वपूर्ण घटनाएं

Image
शिक्षा डेस्क :- भारतीय  तिहास में आज 4 फरवरी का दिन अमर है। आजादी की लड़ाई में 4 फरवरी का दिन यादगार बन गया। आज के ही दिन चौरी-चौरा कांड हुआ था।  जिसके बाद महात्मा गांधी को असहयोग आंदोलन  वापस लेना पड़ा था। 4 फ़रवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ –   1620 - हंगरी के प्रिंस बेथलेन और रोम के सम्राट फर्डीनेंड द्वितीय के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।  1783 - इटली के कैलब्रिया में आये भीषण भूकंप में 50 हजार लोग मारे गये। 1797 - इक्वाडोर की राजधानी क्वीटो में आये विनाशकारी भूकंप में 41 हजार से अधिक लोग मारे गये। 1847 - मैरीलैंड में अमेरिका की पहली टेलीग्राफ कंपनी की स्थापना की गयी।  1881 - लोकमान्य तिलक के संपादन में दैनिक समाचार पत्र 'केसरी' का पहला अंक आया था। 1895 - पहले रोलिंग लिफ्ट पुल का उद्घाटन अमेरिका के शिकागो में हुआ।  1920 - लंदन से दक्षिण अफ्रीका के बीच पहली विमान सेवा शुरू। 1924 - महात्मा गाँधी को उनका ख़राब स्वास्थ्य होने के कारण समय से पहले ही जेल से रिहा कर दिया गया।  1932 - न्यूयार्क के लेक प्लेसिड में तीसरे शीतकालीन ओलंपिक का श...

सातवाहन वंश का संस्थापक और उसका अंतिम शासक कौन था

Image
शिक्षा डेस्क : - सातवाहन वंश:-सातवाहन वंश (60 ई.पू. से 240 ई.) भारत का प्राचीन राजवंश था, जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया था। भारतीय इतिहास में यह राजवंश 'आन्ध्र वंश' के नाम से भी विख्यात है। सातवाहन वंश का प्रारम्भिक राजा सिमुक था। इस वंश के राजाओं ने विदेशी आक्रमणकारियों से जमकर संघर्ष किया था। इन राजाओं ने शक आक्रांताओं को सहजता से भारत में पैर नहीं जमाने दिये। सातवाहन वंश, प्राचीन भारत राजवंश है। सातवाहन राजाओं ने 450 वर्षों तक शासन किया। सातवाहन वंश की स्थापना 230 से 60 ईसा पूर्व के बीच राजा सीमुक ने की थी। सातवाहन राजवंंश के सीमुक, शातकर्णी प्रथम, गौतमी पुत्र शातकर्णी, वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी, यज्ञश्री शातकारणी प्रमुख राजा थे। सातवाहन वंश की स्थापना 230 से 60 ईसा पूर्व के बीच राजा सीमुक ने की थी। सातवाहन राजवंंश के सीमुक, शातकर्णी प्रथम, गौतमी पुत्र शातकर्णी, वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी, यज्ञश्री शातकारणी प्रमुख राजा थे। प्रतिष्ठान सातवाहन वंश की राजधानी रही , यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। सांस्कृतिक और धार्मिक सामाजिक दशा :- सातवाहन साम्राज्य में वर्ण व्यवस्थ...

देश विदेश में 3 फरवरी का इतिहास महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना।

Image
3 फरवरी का इतिहास  शिक्षा डेस्क : - 3 फरवरी का दिन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस दिन 1815 में पनीर उत्पादन का पहला कारखाना स्वीट्जरलैंड में खोला गया। साथ ही कई घटनाएं हुईं. जिन्होंने आने वाले कल पर अपना असर छोड़ा।  इस दिन कई मशहूर हस्तियों जैसे प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान, रीमा लागू का जन्म हुआ। वहीं कई हस्तियों जैसे लोकप्रिय नेता सीएन अन्‍नादुरई का निधन हुआ। 1945 - रूस द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ युद्ध में शामिल होने पर सहमत हुआ।  1954 - इलाहाबाद कुम्भ मेले में हुए हादसे में 500 से अधिक की मौत।  1969 - तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सी.एन. अन्नादुरई का निधन।  1970 - भारत के पहले और दुनिया के सबसे बड़े कोयला आधारित उर्वरक संयंत्र की तलचर में आधारशिला रखी गई।  1972 - जापान के सप्पारो में एशिया में पहली बार शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन किया गया।  1988 - पहली परमाणु पनडुब्बी (आईएनएस चक्र) भारतीय सेना में शामिल। 1957 - भारतीय अभिनेत्री दीप्ति नवल का जन्म 3 फरवरी 1957 को हुआ था। 1963 - भारतीय अर्थशास्त्री रघुराम राजन का जन्म 3 फरवरी 1963 को...

मौर्य साम्राज्य के बाद कौनसा शासक आया था और उसके प्रमुख शासक।

Image
  शिक्षा डेस्क : - वैसे तो भारत वीर और महान राजाओं, जिनकी वीरता और महानता इतिहास आज भी कह रहा है, की ही भूमि है लेकिन कभी कभी कुछ मामले ऐसे हो जाते हैं जिन्हें हम अपवाद कहने लगते हैं। ऐसे ही एक महाप्रतापी राजा हुए हैं जिनका नाम है पुष्यमित्र शुंग। आपको बता दें कि शुंग वंश की शुरुआत पुष्यमित्र शुंग से ही होती है। वह जन्मना ब्राह्मण और कर्मणा क्षत्रीय थे। क्यों पुष्यमित्र शुंग को मौर्य साम्राज्य का खात्मा करना पड़ा।  जब भारत में चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन काल था तब ये कहानी आरम्भ होती है।  जैसा कि आपको मालूम ही होगा कि चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु स्वयं आचार्य चाणक्य थे।  आचार्य ने हमेशा ही राष्ट्रवाद को आगे ले जाने का मार्ग सबके लिए प्रशस्त किया।  लेकिन जब आचार्य चाणक्य की मृत्यु हुई तो चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म अपना लिया और उसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया।  शुंग कौन थे? :- अंतिम मौर्य सम्राट ब्रहद्रथ की हत्या करके पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य साम्राज्य को समाप्त किया और एक नए वंश की नीवं रखी। यह नया वंश शुंग वंश के नाम से जाना जाता है। यह कहा जाता है कि जब ब्र...

26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है।

Image
   शिक्षा डेस्क :- हर साल हम बहुत ही धूम-धाम से गणतंत्र दिवस मनाते है। भारत को गणतंत्र देश का दर्जा मिला था।  भारत के लिए ये गर्व की बात है।  लेकिन आपने कभी सोचा है कि देश भर में 26 जनवरी को ही क्यों गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। जबकि भारत का संविधान बनकर पहले ही तैयार कर लिया गया था। आखिर ऐसा क्या कारण था कि दो महीने का इंतजार करना पड़ा संविधान लागू करने के लिए। आज हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे। हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था।  इसलिए हर साल इसलिए 26 नंवबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बात ध्यान रखें कि इस 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ था लेकिन लागू नहीं किया गया था।  इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया है।  26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। यही वजह है कि हर साल इस खास दिन की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।  गणतंत्र दिवस का महत्व  भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था।  26 जनवरी 1950 को भारत में सविधान को ...

देश विदेश में 26 जनवरी के इतिहास की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ।

Image
  26  जनवरी का इतिहास  शिक्षा डेस्क :- भारत वर्ष के राजनीतिक इतिहास में दो तिथियां ऐसी हैं जिनको भारतवासियों की आने वाली पीढ़ियां भी कभी नहीं भुला पाएंगी। इनमें एक तिथि 14 और 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि की और दूसरी तिथि 26 जनवरी 1950 की है। पहली तिथि पर भारत को सदियों की अंग्रेजों की गुलामी के बाद आजादी मिली और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने मंत्रिमंडल के साथ भारत की सत्ता संभाली। दूसरी तिथि पर 26 जनवरी को हमें तीन बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं, जिनमें पहली उपलब्धि के रूप में वह संविधान मिला जिसे भारत के लोगों ने स्वंय अपना भविष्य तय करने के लिए बनाया था। एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। दूसरी उपलब्धि राष्ट्र को अपना मूल नाम ‘‘भारत ’’ वापस मिला। तीसरी बड़ी उपलब्धि ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त गर्वन...

24 जनवरी की देश विदेश ऐतिहासिक घटना महत्वपूर्ण इतिहास।

Image
  24  जनवरी इतिहास  शिक्षा डेस्क : - हर साल 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाने की सबसे बड़ी वजह भारत की पहली प्रधानमंत्री बनने वाली इंदिरा गांधी से जुड़ी हुई है। 24 जनवरी 1966 को पहली बार बतौर प्रधानमंत्री पूर्व प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी ने अपना कार्यभार भी संभाला था। ये भारत के लिए बहुत ही गर्व की बात थी। 24 जनवरी, 1950 वो दिन था जब संविधान को बनाने वाली कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली आखिरी बार इकट्‌ठा हुई थी। उस दिन तीन बड़े काम हुए थे… पहला, कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली के सभी सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। ये हस्ताक्षर ही हमारे संविधान पर फाइनल मुहर थी। राष्ट्रीय बालिका दिवस पहली बार 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट) द्वारा की गई थी। उस दिन के बाद से इस दिवस को हर साल 24 जनवरी को मनाया जा रहा है। समाज में समानता लाने के लिए भारत सरकार ने नेशनल गर्ल चाइल्ड डे की शुरुआत की थी।  बालिका दिवस को मनाने का सबसे बड़ा कारण समाज में लोगों को...

जानिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है।

Image
शिक्षा डेस्क :-  मतदान दिवस बनाने का मुख्य कारण है कि लोगो को मतदान का महत्व बताया जाए ताकि लोग इसके प्रति जागरूक हो और सही उम्मीद वार को चुने जिससे हमारे देस का विकास एक अवरुद्ध दिसा में चल सके।  भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। इसलिए हर एक व्यक्ति का वोट राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है। भारत में जितने भी चुनाव होते हैं, उनको निष्पक्षता से संपन्न कराने की जिम्मेदारी 'भारत निर्वाचन आयोग' की होती है। 'भारत निर्वाचन आयोग' का गठन भारतीय संविधान के लागू होने से 1 दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हुआ था, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतांत्रिक देश बनने वाला था और भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चुनाव कराने...

25 जनवरी की देश विदेश की घटनाएं इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं।

Image
शिक्षा डेस्क :- देश-दुनिया के इतिहास में 25 जनवरी का दिन कई मायनों में खास है। आज ही के दिन साल 1980 में मदर टेरेसा को भारत रत्न दिया गया था। आज ही के दिन भूदान आंदोलन के जनक विनोबा भावे को भी साल 1983 में मरणोपरांत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया था। 1971 : हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। 25 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – ब्राजील के साओ पाउलो शहर की स्थापना 1554 में हुयी। 1565 में हुए तेल्लीकोटा की लड़ाई में विजयनगर साम्राज्य नष्ट हुआ। डच गणराज्य की स्थापना 1579 में हुई। मॉस्को विश्वविद्यालय की स्थापना 1755 में हुई। पौलैंड की संसद ने स्वतंत्रता की घोषणा 1831 में की। चिली में 1839 में आये भूकम्प से लगभग 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। भारतीय ब्रह्म समाज की शुरूआत प्रसिद्ध समाज सुधारक केशव चंद्र सेन ने 1880 में की। एलेक्जेंडर ग्राहम बेल और थॉमस अल्वा एडीसन ने ओरिएंटल टेलीफोन कंपनी 1881 में बनायी। पेंसिल्वेनिया के चेस्विक में 1904 में हुए कोयला खदान विस्फोट में 179 लोगों की मौत हो गयी। फ्रांस के शैमॉनिक्स में पहले शीतकालीन ओलंपिक खेलों का 1924 में आयोजन। सार के ...

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय एवं उनसे जुड़ी महत्पूर्ण घटनाए।

Image
 शिक्षा डेस्क : - सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्रता सेनानी और एक मशहूर राजनेता थे भारत की आजादी में इनका योगदान अतुल्य रहा है I भारत को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी I उन्होंने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित किया था ऐसे में हम इस आर्टिकल में नेताजी सुभाष चंद्र के जीवन के प्रत्येक पहलुओं के बारे में चर्चा करेंगे, जैसे सुभाष चंद्र बोस की जीवन कहानी ,प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, परिवार, सुभाष चंद्र बोस जयंती, पुण्यतिथि, सुभाष चंद्र बोस के बारे में 10 लाइन ऐसे तमाम चीजों के बारे में अगर आपको कोई भी जानकारी नहीं है तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे साथ आर्टिकल पर आखिर तक बने रहें चलिए शुरू करते हैं – जन्म : नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्‍म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कुट्टक गांव में जानकी नाथ बोस और श्रीमती प्रभावती देवी के घर में हुआ था। साल 1934 में सुभाष चंद्र बोस अपने इलाज के लिए ऑस्ट्रिया गए हुए थे। वहां उनकी मुलाकात एक ऑस्ट्रियन महिला एमिली शेंकल से हुई। दोनों के बीच प्यार हो गया। 1942 में सुभाष चंद्र बोस और एमिली शेंकल ने हिन्दू रीति-रिवाज से शादी कर ली।...

23 जनवरी देश विदेश की ऐतिहासिक घटना को महत्वपूर्ण इतिहास।

Image
  शिक्षा डेस्क : - भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है।  इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती है।  नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था।  23 जनवरी की प्रमुख घटनाएँ 1565 में हुए टेलीकोटा के युद्ध में हिंदु साम्राज्य विजयनगर का पतन हुआ। स्कॉटलैंड के रीजेट मोरे के अर्ल की 1570 में हत्या हुई। रॉयल एक्सचेंज ( Royal Exchange ) की शुरुआत लंदन में 1571 में हुई थी। हॉलैंड और इंग्लैंड ने 1668 में आपसी सहयोग समझौता किया। 1760 में हुए वांदीवाश के युद्ध में अंग्रेजों ने फ्रांसीसियों को हराया। ह्यूमन सोसायटी ऑफ़ फिलाडेल्फिया का गठन 1793 में हुआ। 1793 में दूसरी बार पोलैंड का विभाजन हुआ था। नेपल्स इटली पर फ्रांसीसी सैनिकों ने 1799 में कब्ज़ा किया। प्रशिया ने आस्ट्रिया के बिना 1849 में ‘जर्मन यूनियन’ का प्रस्ताव किया। 1849 में मेडिकल डिग्री हासिल करने वाली पहली अमेरिकी महिला एलिजाबेथ ब्लैकवेल बनीं। 1913 में हुए सैनिक क्रांति में तुर्की की नाजिम पाशा मारे गये। भारत में 1920 में एयरमेल एवं...

देश विदेश 22 जनवरी की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं

Image
  शिक्षा डेस्क : - दोस्तों, आज के दिन यानि 22 जनवरी को इतिहास में देश – विदेश में ऐसी कई महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटी जिसके बारेमें हमें जानकारी नहीं हैं इसीलिए हम आप के लिए लाये हैं, आज के इतिहास की यानि २२ जनवरी के इतिहास का ऐतिहासिक घटनाक्रम 22 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएँ विश्व में  1506 150 स्विस गार्ड की पहली टुकड़ी पोप के लिए सुरक्षा के रूप में सेवा करने के लिए रोम के वेटिकन में पहुंची। 1666 मुगल बादशाह शाहजहाँ का निधन हुआ। 1673 न्यूयॉर्क एवं बोस्टन के बीच डाक सेवा की शुरुआत हुई। 1689 कन्वेंशन पार्लियामेंट ने इंग्लैंड के अंतिम रोमन कैथोलिक राजा, जेम्स द्वितीय को उखाड़ फेंकने का औचित्य सिद्ध करने के लिए बुलाई, जिन्होंने 1688 में फ्रांस भाग जाने पर सिंहासन खाली कर दिया था। 1760 वांदीवाश के युद्ध में अंग्रेजों ने फ्रांसिसियों को हराया। 1775 फ़्रांस के भौतिकशास्त्री एवं गणितज्ञ आन्द्रे मेरी ऐम्पेयर का जन्म हुआ। उन्होंने इलोक्ट्रोनिक टेलीग्राफ़ बनाया और विद्युत की गति की तीव्रता का पता लगाया और उसे मापने के लिए एक यंत्र बनाया। 1808 फ्रांसीसी सेना से भागकर ब्रागांसा पु...

सम्राट अशोक ने कौन सा धर्म अपनाया और उसके प्रमुख अभिलेख ।

Image
  शिक्षा डेस्क : - अशोक 269 ईसा पूर्व के लगभग मौर्य सिहांसन पर आसीन हुआ था। बहुत सारे इतिहासकार उसे प्राचीन विश्व का महानतम सम्राट मानते हैं। उसकी धम्म नीति विद्वानों के बीच निरंतर चर्चा का विषय रही है। इस लेख में हमने अशोक द्वारा भेजे गए धर्म-प्रचारको को सूचीबद्ध किया है।  मौर्य साम्राज्य की धार्मिक स्थिति  मौर्यो के आने से पूर्व बौद्ध तथा जैन धर्म का विकास हो चुका था जबकि दक्षिण में वैष्णव तथा शैव संप्रदाय भी विकसित हो रहे थे चंद्रगुप्त मौर्य ने अपना राज सिंहासन त्याग कर जैन धर्म अपना लिया और एक सच्चा जैन बन गया। सम्राट अशोक ने भी कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया था इसके बाद उन्होंने अपना संपूर्ण ध्यान धर्म के प्रचार में लगा दिया | अशोक के शिलालेख में अशोक के धम्म का उल्लेख भी मिलता है अशोक के धर्म का मतलब कोई धर्म या मजहब नहीं था बल्कि उनके धम्म का मतलब नैतिक सिद्धांत और शुद्ध आचरण था। उस समय ना तो इस्लाम का जन्म हुआ था और ना ही इसाई धर्म का। सम्राट अशोक में धर्म महामात्र नाम के पद वाले अधिकारियों की नियुक्ति की जिनका काम आम जनता में धम्म का प्रचार करना था । धर्...

मौर्य साम्राज्य की स्थापना और उसके प्रमुख शासक कौन -कौन थे।

Image
  शिक्षा डेस्क :- चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विस्तार किया। उसने कई छोटे-छोटे क्षेत्रीय राज्यों के आपसी मतभेदों का फायदा उठाया जो सिकन्दर के आक्रमण के बाद पैदा हो गये थे। 316 ईसा पूर्व तक मौर्यवंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। मौर्य साम्राज्य के शासनकाल के दौरान भारत एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था जिसमें वर्तमान अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बलूचिस्तान, नेपाल और क‌ई क्षेत्र शामिल थे इस लेख में मौर्य साम्राज्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे –  मौर्य साम्राज्य का इतिहास, मौर्य साम्राज्य के शासक, मौर्य साम्राज्य की शासन व्यवस्था एवं मौर्य साम्राज्य की शासन व्यवस्था से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई है।  मौर्य वंश से पहले मगध पर नंद वंश का शासन था उस समय मगध एक शक्तिशाली राज्य के रूप में उभरा जिसका शासन नंद वंश के शासक धनानंद के हाथों में था 325 ई. पूर्व में संपूर्ण उत्तर पूर्वी भारत पर सिकंदर का शासन था जब सिकंदर पंजाब पर चढ़ाई कर रहा था तब एक ब्राह्मण मगध के शासक को साम्रा...