विश्व कैंसर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है।

शिक्षा डेस्क : - विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरूआत सन 1933 में हुई, जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर संघ द्वारा जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। इसके अलावा कैंसर के बढ़ते प्रकोप और इसके भयावह परिणामों को देखते विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया, ताकि आने वाले समय में इसके प्रति जागरूकता का आंकड़ा बढ़े और कई जिंदगि‍यों को इससे बचाया जा सके।

वर्ष 2023 में विश्व कैंसर दिवस की थीम क्या है :- वर्ष 2023 में विश्व कैंसर दिवस की थीम ‘क्लोज द केयर गैप’  रखी गयी है जो की सम्पूर्ण दुनिया के कैंसर पीड़ित नागरिकों को इस जंग में लड़ने हेतु समान सुविधाएँ एवं चिकित्सा सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है।

विश्व कैंसर दिवस क्यों मनाया जाता है:- हर साल विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को मनाया जाता है। UICC का प्राथमिक उद्देश्य कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है। साथ ही लोगों में कैंसर के लक्षणों को पहचान पाने के लिए प्रयास करना, उनमें जागरुकता बढ़ाना। इस बीमारी को लेकर लोगों को शिक्षित करना, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को दुनिया भर में इस बीमारी के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार करना है। 

महिलाओं और पुरुषों को होता है इन कैंसर का अधिक खतरा:- स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, सर्वाइकल, और थायराइड कैंसर महिलाओं में पाए जाने वाले सबसे आम प्रकार के कैंसर हैं. वहीं, पुरुषों में  फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लिवर का कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है।  

कैंसर के कारण:- कैंसर के आम कारणों में धूम्रपान, तम्बाकू, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, खराब डाइट, एक्स-रे से निकली रेज़, सूरज से निकलने वाली यूवी रेज़, इंफेक्शन, फैमिली के जीन आदि होते हैं।  

कैंसर कितने प्रकार के होते हैं:- लगभग 100 से ज़्यादा प्रकार के कैंसर होते हैं। लेकिन सबसे आम स्किन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लंग कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, ब्लैडर कैंसर, मेलानोमा, लिम्फोमा, किडनी कैंसर हैं। 

कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं :- लंबे वक्त तक खांसी रहना, भोजन करते समय निगलने में कठिनाई होना। शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द-रहित गांठ, शरीर के किसी भी हिस्से से पानी या खून का बहना, तिलों का विकास बढ़ना और रंग बदलना,भूख में कमी आना, बिना किसी कारण के वजन कम होना या बढ़ना, हर समय थकान या आलस महसूस होना, पेशाब करने में कठिनाई या दर्द महसूस होना ये सभी कैंसर के शुरूआती लक्षण हैं। 

कैंसर दिवस का उद्देश्य:- कैंसर दिवस का मुख्य लक्ष्य है कि आम लोगों को कैंसर के खतरों के बारे में जागरुक किया जा सके और इसके लक्षण से लेकर इसके बचाव के बारे में जानकारी दी जा सके। कई लोगों को भ्रम है कि कैंसर छूने से भी फैलता है, जिसके कारण लोग कैंसर के रोगियों से अच्छा व्यवहार नहीं करते, ऐसे में लोगों के मन से इस धारणा को निकालना भी कैंसर दिवस का मुख्य उद्देश्य है। कैंसर बीमारी के संबंध में फैली गलत धारणाओं को कम करने और इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों को मोटीवेट करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। 

विश्व कैंसर दिवस का इतिहास :- वैश्विक स्तर पर कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने एवं आम जनमानस को इस रोग के प्रति जागरूक करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) द्वारा 4 फरवरी 2000 को विश्व कैंसर दिवस को मनाने की घोषणा की गयी थी। प्रथम बार इस दिवस को कैंसर के विरुद्ध जंग के रूप में फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित प्रथम विश्व शिखर सम्मेलन वर्ष 2000 में मनाया गया था। इसके पश्चात इसे प्रतिवर्ष 4 फरवरी को मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर कैंसर के खिलाफ कार्य करने के लिए अग्रणी संस्था  (UICC) की स्थापना वर्ष 1993 में जिनेवा स्विटरजरलैंड में की गयी थी। कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में यह संस्था प्रमुख भूमिका निभाती है।

कैसे मनाया जाता है विश्व कैंसर दिवस :- विश्व कैंसर दिवस के मौके पर विभिन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थान तथा कैंसर उन्मूलन के लिए कार्य करने वाली संस्थाओ के द्वारा इस रोग के बारे से बचाव हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। साथ ही पोस्टर, बैनर, सोशल, अवेरनेस एवं अन्य माध्यमो से इस रोग के प्रति सामाजिक कलंको को दूर करने हेतु भी समुचित उपाय किए जाते है।

विश्व कैंसर दिवस को किस प्रकार मनाया जाता है :- विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम से आम जनमानस को इस रोग से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाता है।



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