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भारत के इतिहास में आज का दिन

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  4 जनवरी इतिहास  देश-दुनिया के इतिहास में 4 जनवरी की तारीख पर दर्ज महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है -1642- इंग्लैंड के किंग चार्ल्स ने 400 सैनिकों के साथ संसद पर हमला किया।  -1643- मशहूर भौतिक विज्ञानी आइजक न्‍यूटन का जन्‍म।  -1887 - थॉमस स्टीवंस साइकिल से यात्रा करने वाला पहला आदमी था।  -1906- किंग जार्ज पंचम ने कलकत्ता  के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल की आधारशिला रखी।  -1932- ब्रिटिश ईस्ट इंडीज के वायसराय विलिंगडन ने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को गिरफ्तार किया।  -1948- बर्मा (म्यांमार) ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता की घोषणा की -1962- अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पहली स्वचालित मानवरहित मेट्रो ट्रेन चली -1966- भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के जनरल अयूब खान के बीच भारत पाकिस्तान सम्मलेन की शुरूआत।  -1972- नई दिल्ली में इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिमिनालॅजी एंड फारेंसिक साइंस का उद्घाटन किया गया -1972 - गुलाब हेइलब्रोन लंदन के ओल्ड बेली में पहली महिला न्यायाधीश बनी -2004 - नासा मार्स रोवर स्पिरिट, 04:35 यूटीसी पर मं...

30 दिसंबर की ऐतिहासिक घटना

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30 दिसंबर का इतिहास आज इस आर्टिकल में हम आपको 30 दिसंबर का इतिहास – 30 दिसंबर  के बारे में बताने जा रहे है। हमारा इतिहास इतना बड़ा है कि इसे याद रख पाना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है। इसीलिए हमारी वेबसाइट पर हम आपको हर रोज यानी तारीख के हिसाब से आज की दिन घटित हुई घटनाओं का विवरण दे रहे है जिसकी मदद से आप अपने ज्ञान को बढ़ा सकते है। -सुप्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यासकार, कवि और पत्रकार रुडयार्ड किपलिंग का जन्म 30 दिसंबर 1865 को बंबई (मुंबई) महाराष्ट्र में हुआ था। -अमेरिका के न्यूयार्क में आज ही के दिन 1873 में माप तौल के लिए मेट्रोलाॅजिकल सोसायटी का गठन हुआ। -बीसवीं सदी के महान् संत और समाज सेवक रमण महर्षि का जन्म 30 दिसंबर 1879 में  हुआ। -रूस और फ्रांस ने आज ही के दिन 1893 में सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर किये। -अखिल भारतीय मुस्लीम लीग की आज ही के दिन 1906 में स्थापना ढाका (अब बंगलादेश) में हुई। -लंदन में 30 दिसंबर 1919 में वकालत के लिए प्रथम महिला विद्यार्थी का प्रवेश किया गया। -भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी सौरभ वर्मा का जन्म 30 दिसंबर 1922 में हुआ। -रूस की राजधानी मास्को के बोलश...

मुस्लिम लिंग स्थापना कब हुईं

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  मुस्लिम लिंग स्थापना बंगाल के विभाजन ने सांप्रदायिक फुट को जन्म दिया था भारतीय राष्ट्रवाद पर लार्ड कर्जन का सबसे बड़ा हमला था बंगाल का विभाजन करना बंग-भंग राष्ट्रवाद पर हमला होने के साथ ही हिंदू मुस्लिम एकता को तोड़ने और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने की कुटिल नीति का हिस्सा था इस कारण 1904 में बंग भंग की योजना का औचित्य मुस्लिम जनता को समझाते हुए कर्जन ने दावा किया था बंगाली मुसलमानों को एकता का ऐसा अवसर प्रदान किया जा रहा है जो मुसलमान सूबेदारों और बादशाहों के समय से उन्हे नसीब नहीं हुआ था ब्रिटीश सरकार द्वारा मुसलमानों को यह अवसर क्यों प्रदान किया गया इसे पूर्वी बंगाल के नए प्रांत के प्रथम लेफ्टिनेंट गवर्नर ब्लामफील्ड फूलर ने अपने भाषणों मे स्पष्ट किया कि अंग्रेज सरकार की दो पत्नियां हैं हिंदू और मुसलमान इनमें वह मुसलमान को अधिक चाहती है सरकार की यह विभाजनकारी नीति एक बड़ी सीमा तक सफल रही 1906मे पूर्वी बंगाल में हुए दंगे इस नीति का ही नतीजा थे बंगाल विभाजन के विरोध में जो स्वदेशी आंदोलन चलाया उस में मुसलमान बड़ी संख्या में अलग रहे इसका प्रमुख कारण था कि अंग्रेज द्वारा मुसलमानों ...