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राजस्थान की अंतर्राज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमा का विस्तार।

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शिक्षा डेस्क : -  राजस्थान की अंतर्राजीय व अन्तराष्ट्रीय सीमा राजस्थान की कुल सीमा 5920 कि.मी. है।  जिसमे से 4850 कि.मी. अंतर्राजीय व 1070  कि.मी. अन्तराष्ट्रीय सीमा है। राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा  राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा = 1070 km. राजस्थान के कितने जिलों की सीमा पाकिस्तान के साथ लगाती है = (चार ) गंगानगर, 210  KM   बीकानेर,  168 KM   जैसलमेर, 464 KM बाड़मेर, 228 KM पाकिस्तान के कितने जिलों की सीमा राजस्थान के साथ लगाती है = ( तीन ) बहावलपुर, खैरपुर, मीरपुर खास पाकिस्तान की सीमा के सर्वाधिक निकट का नगर = गंगानगर पाकिस्तान की सीमा के सर्वाधिक दूर स्थित नगर = बीकानेर पाकिस्तान के साथ सर्वाधिक सीमा लगाती है = जैसलमेर 464 km पाकिस्तान के साथ न्यूनतम सीमा लगाती है = बीकानेर 168 km ➯राजस्थान व हरियाणा के मध्य कुल 1262 किलोमीटर लम्बी सीमा लगती है। ➯राजस्थान के साथ हरियाणा के कुल 7 जिलों की सीमा लगती है तथा हरियाणा के साथ भी राजस्थान के कुल 7 जिलों की सीमा लगती है।  ➯हरियाणा के साथ राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की सीमा सर्वाधिक व...

राजस्थान की सरकार ने वन नीति कब आरंभ की थी।

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 शिक्षा डेस्क : - राजस्थान में वन सम्पदाभू क्षेत्र जहाँ वृक्षों का घनत्व सामान्य से अधिक है उसे वन (जंगल) कहते हैं। अंग्रेजी शासन से पहले भारत में जनता द्वारा जंगलों का इस्तेमाल मुख्यतः स्थानीय रीति-रिवाजों के अनुसार होता था। भारत में सबसे पहले लार्ड डलहौजी ने 1855 में एक वन नीति घोषित की, जिसके तहत राज्य के वन क्षेत्र में जो भी इमारती लकड़ी के पेड़ हैं वे सरकार के हैं और उन पर किसी व्यक्ति का कोई अधिकार नहीं है। राजस्थान सरकार ने फरवरी 2010 में पहली राज्य वन नीति के साथ पशुधन विकास और जल पर नई नीतियों को मंजूरी दी। यह रेगिस्तान राज्य में वन क्षेत्र को 9.5% से 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। राजस्थान के कुल भौगोलिक क्षेत्र का केवल 9.56% क्षेत्र पर वन है। 30-Nov-2022 भारत की पहली राष्ट्रीय वन नीति वर्ष 1894 में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रकाशित की गई थी।  स्वतंत्रता के पश्चात् भारत सरकार द्वारा पहली वन नीति 1952 में बनाई गई। इस वन नीति को 1988 में संशोधित किया गया। इस नीति के अनुसार राज्य के 33% भूभाग पर वन होना अनिवार्य है। संविधान के 42वें संशोधन 1976 के द्वारा वनों का विषय राज्...

राजस्थान के वन वन्यजीव आभरणय एवं राष्ट्रीय उद्यान महत्व।

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  शिक्षा डेस्क :- राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान में 3 राष्ट्रीय उद्यान स्थित है : – 1. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान (सवाई माधोपुर) – 1980 में 2. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर) – 1981 में 3. मुकन्दरा हिल्स / दर्रा अभ्यारण्य (कोटा , झालावाड़) – 2012 में रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान, सवाईमाधोपुर - रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान देश का सबसे छोटा बाघ अभ्यारण्य है। इस अभ्यारण्य को 1955 में वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित किया गया। अप्रैल, 1974 में रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान को 'टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट' में शामिल किया गया।1 नवंबर, 1980 में रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान को राजस्थान का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान को 'भारतीय बाघों का घर' कहते है। राजस्थान में सर्वप्रथम बाघ परियोजना यहीं से शुरू की गयी।  इस अभ्यारण्य के प्रबंधन के लिए अलग से "रणथम्भौर बोर्ड" का गठन किया गया। यह अभ्यारण्य दुर्लभ काला गरुड़ एवं रेटेड तीतर के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर जोगी महल, त्रिनेत्र गणेश मंदिर दर्शनीय स्थल है। यहां पर तीन झील - मलिक तालाब, पदम तालाब एवं राजबाग झील स्थित है। इ...

राजस्थान के प्रमुख लोकगीत एवं लोक नृत्य महत्वपूर्ण विशेषताएं।

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  शिक्षा डेस्क :- भारत का राष्ट्रीय गीत “वंदेमातरम” है। यह गीत आनंदमठ उपन्यास से लिया गया है। जिसके रचयिता बकिमचंद्र  चटर्जी है, इस गीत को गाने में 1 मिनट 5 सेकण्ड (65 सेकण्ड ) का समय लगता है। रविंद्र नाथ टैगोर ने लोक गीतो को संस्कृति का सुखद संदेश ले जाने वाली कला कहा है।  भारत का राष्ट्रीयगान “जन-गन-मन” है, जिसके रचयिता रविंद्रनाथ टैगोर है । यह गीतांजलि उपन्यास से लिया गया है। इसे गाने में 52 सेकण्ड का समय लगता है। राजस्थान का राज्य गीत “केसरियाबालम पधारो नी म्हारो देश” है, यह एक विरह गीत है, जिसे उदयपुर की मांगी बाई ने सबसे पहले गाया था। इस गीत को सबसे ज्यादा अल्हा जिल्हा बाई ने गाया था।  भारत की कोकिला सरोजनी नायडू है (सरोजनी नायडू भारत की प्रथम महिला राज्यपाल (उतरप्रदेश ) है। राजस्थान की कोकिला गवरी देवी (पाली) है तथा मरुकोकिला अल्लाहाजिल्हा बाई है जिनके गुरु उस्ताद – हुसैन बक्स थे।  मूमल यह जैसलमेर में गाया जाने वाला श्रृंगारिक लोक गीत है जिसमें मूमल का नखशिख वर्णन किया गया है। यह गीत एक ऐतिहासिक प्रेमाख्यान है।   ढोलामारू यह सिरोही जिले का लोक गी...