Posts

Showing posts with the label History of January

भारतीय संविधान को कब बनाया गया और कैसे इसका निर्माण हुआ।

Image
भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ? शिक्षा डेस्क : - भारत देश में सबसे ऊंचा पद भारतीय संविधान का है। सरकार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति, प्नधानमंत्री कोई भी इससे ऊपर नही है। सब इसके दायरे में रहकर काम करना होता है। भारत के वर्तमान संविधान को बनाने के लिये आजादी के पहले से ही प्रयास किये जा रहे थे। दरअसल अंग्रेजी सरकार को ये पता था कि उन्हें जल्दी ही भारत को छोड़ना ही होगा। इसलिये उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हम सब को ये पता होना चाहिये कि भारत के संविधान का निर्माण कैसे हुआ।  संविधान सभा की स्थापना:- सबसे पहले 1946 के कैबिनेट मिशन ने भारत के लिये एक नया संविधान बनाने के लिये संविधान सभा की स्थापना की सिफारिश की थी और इसके लिये जुलाई 1946 में चुनाव हुये थे जिसके बाद संविधान सभा में 389 सदस्य थे, हालांकि बाद में इस घटा कर 299 कर दिया गया क्योंकि अंग्रेजी सरकार ने पाकिस्तान के लिये एक अलग संविधान सभा का गठन किया था। लेकिन अंग्रेजी सरकार द्वारा बनाई गई इस संविधान सभा की शक्तियां सीमित थी पर अग्रेजों ने ही 1947 के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम द्वारा ...

सातवाहन वंश का संस्थापक और उसका अंतिम शासक कौन था

Image
शिक्षा डेस्क : - सातवाहन वंश:-सातवाहन वंश (60 ई.पू. से 240 ई.) भारत का प्राचीन राजवंश था, जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया था। भारतीय इतिहास में यह राजवंश 'आन्ध्र वंश' के नाम से भी विख्यात है। सातवाहन वंश का प्रारम्भिक राजा सिमुक था। इस वंश के राजाओं ने विदेशी आक्रमणकारियों से जमकर संघर्ष किया था। इन राजाओं ने शक आक्रांताओं को सहजता से भारत में पैर नहीं जमाने दिये। सातवाहन वंश, प्राचीन भारत राजवंश है। सातवाहन राजाओं ने 450 वर्षों तक शासन किया। सातवाहन वंश की स्थापना 230 से 60 ईसा पूर्व के बीच राजा सीमुक ने की थी। सातवाहन राजवंंश के सीमुक, शातकर्णी प्रथम, गौतमी पुत्र शातकर्णी, वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी, यज्ञश्री शातकारणी प्रमुख राजा थे। सातवाहन वंश की स्थापना 230 से 60 ईसा पूर्व के बीच राजा सीमुक ने की थी। सातवाहन राजवंंश के सीमुक, शातकर्णी प्रथम, गौतमी पुत्र शातकर्णी, वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी, यज्ञश्री शातकारणी प्रमुख राजा थे। प्रतिष्ठान सातवाहन वंश की राजधानी रही , यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। सांस्कृतिक और धार्मिक सामाजिक दशा :- सातवाहन साम्राज्य में वर्ण व्यवस्थ...

मौर्य साम्राज्य के बाद कौनसा शासक आया था और उसके प्रमुख शासक।

Image
  शिक्षा डेस्क : - वैसे तो भारत वीर और महान राजाओं, जिनकी वीरता और महानता इतिहास आज भी कह रहा है, की ही भूमि है लेकिन कभी कभी कुछ मामले ऐसे हो जाते हैं जिन्हें हम अपवाद कहने लगते हैं। ऐसे ही एक महाप्रतापी राजा हुए हैं जिनका नाम है पुष्यमित्र शुंग। आपको बता दें कि शुंग वंश की शुरुआत पुष्यमित्र शुंग से ही होती है। वह जन्मना ब्राह्मण और कर्मणा क्षत्रीय थे। क्यों पुष्यमित्र शुंग को मौर्य साम्राज्य का खात्मा करना पड़ा।  जब भारत में चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन काल था तब ये कहानी आरम्भ होती है।  जैसा कि आपको मालूम ही होगा कि चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु स्वयं आचार्य चाणक्य थे।  आचार्य ने हमेशा ही राष्ट्रवाद को आगे ले जाने का मार्ग सबके लिए प्रशस्त किया।  लेकिन जब आचार्य चाणक्य की मृत्यु हुई तो चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म अपना लिया और उसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया।  शुंग कौन थे? :- अंतिम मौर्य सम्राट ब्रहद्रथ की हत्या करके पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य साम्राज्य को समाप्त किया और एक नए वंश की नीवं रखी। यह नया वंश शुंग वंश के नाम से जाना जाता है। यह कहा जाता है कि जब ब्र...

1 फरवरी को देश विदेश के इतिहास की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाए।

Image
 1  फरवरी इतिहास की घटना  शिक्षा डेस्क :-  भारत और विश्व इतिहास में 01 फरवरी का अपना ही एक खास महत्व है, क्योकि इस दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी जो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज होकर रह गईं हैं। आईये जानते हैं 01 फरवरी की ऐसी ही कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाएँ जिन्हे जानकर आपका सामान्य ज्ञान बढ़ेगा। एकत्रित तथ्य ऐसे होंगे जैसे : आज के दिन जन्मे चर्चित व्यक्ति, प्रसिद्ध व्यक्तियों के निधन, युद्ध संधि, किसी देश के आजादी, नई तकनिकी का अविष्कार, सत्ता का बदलना, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिवस इत्यादि। 1 फरवरी का इतिहास –  लॉर्ड कार्नवालिस आज ही के दिन 1786 में भारत के गवर्नर जनरल बने। न्यूयार्क शहर में 1 फरवरी 1790 में पहली बार ‘सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ द यूनाइटेड स्टेट्स’ का आयोजन किया गया। ‘यूनाइटेड किंगडम’ और नीदरलैंड पर फ़्रांस ने आज ही के दिन 1793 में युद्ध की घोषणा की। लार्ड काॅर्नवालिस ने 1 फरवरी 1797 में बंगाल के गवर्नर जनरल के पद की शपथ ली। फिलीपींस में 1 फरवरी 1814 में ज्वालामुखी फटने से करीब 1,200 लोगों की माैत हुई। कलकत्ता बंगाल क्लब की स्थापना 1 फरवर...

31 जनवरी की देश विदेश महत्वपूर्ण इतिहास ऐतिहासिक घटना।

Image
 शिक्षा डेस्क : - अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में 31 जनवरी का विशेष महत्व है। दरअसल यह अजब संयोग है कि अमेरिका ने 31 जनवरी 1958 को अपना पहला अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में भेजा और इसी तारीख को नासा ने जीवित प्राणियों पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक चिंपांजी को अंतरिक्ष में भेजा। 31 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ 1599: ब्रिटेन की रानी एलिज़ाबेथ प्रथम के आदेश पर भारत में ब्रिटेन की पहली ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना हुई. 1850: चीन में ताए पींगहा (जनता का संकल्प )नाम से सबसे बड़ा जनान्दोलन आरंभ हुआ. 1893: अमेरिका में पहली बार ‘कोका कोला’ ट्रेडमार्क का पेटेंट किया गया. 1958: अमेरिका ने पहले भू-उपग्रह का प्रक्षेपण किया. 1561 - मुग़ल बादशाह अकबर के संरक्षक बैरम ख़ाँ की गुजरात के पाटण में हत्या कर दी गई। 1606 - ब्रिटेन में तख़्त के ख़िलाफ़ साजिश करने वाले गाइफ़ाक्स को मौत के घाट उतार दिया। 1865 - अमेरिका में 'दासता उन्मूलन' संबंधी 13वां संशोधन विधेयक स्वीकृत हुआ। 1884 - रूसी फ़ौजों ने अफ़ग़ानिस्तान के अमीर के मर्व छीन लिया। 1915 - 'प्रथम विश्व युद्ध' के दौरान जर्मनी ने...

30 जनवरी को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मर कर हत्या क्यों की थी।

Image
शिक्षा डेस्क :-   इस बात की कल्‍पना ही की जा सकती है कि जब नाथूराम गोडसे ने महात्‍मा गांधी की हत्या की होगी, तो मौके पर माहौल क्‍या रहा होगा। लोग स्तब्ध रह गए होंगे।  नफरत से भर उठे होंगे। गोडसे के लिेए द्वेष रहा होगा। चौराहे पर फांसी देने की मांग उठी होगी। कोर्ट के बाहर प्रदर्शन होते होंगे। अपराधियों को भारी सुरक्षा में कोर्ट लाया जाता होगा। गोडसे और उसके साथी तनाव से भरे रहते होंगे। बापू का समाधिस्‍थल राजघाट लोगों से भरा रहता होगा। लेकिन हकीकत में ऐसा तिनका भर भी नहीं हुआ।  30 जनवरी 1948 को गोडसे ने जो ‘कुकृत्य’ किया, पूरे देश से उसे लानतें मिलीं।  बापू तब दैनिक प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए जा रहे थे।  बिड़ला हाउस में दक्षिणपंथी उग्रवादी नाथूराम गोडसे ने उन्हें गोली मार दी। हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्षधर महात्मा गांधी की हत्या का प्रयास पहले भी हुआ था। 1934 के बाद से उनकी हत्या के लिए 5 बार हमले किए गए थे, जो नाकाम रहे।  38 वर्षीय जोशीले गोडसे एक दक्षिणपंथी पार्टी हिंदू महासभा के सदस्य थे।  इस पार्टी ने गांधी पर मुसलमान समर्थक होने और पाकिस...

26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है।

Image
   शिक्षा डेस्क :- हर साल हम बहुत ही धूम-धाम से गणतंत्र दिवस मनाते है। भारत को गणतंत्र देश का दर्जा मिला था।  भारत के लिए ये गर्व की बात है।  लेकिन आपने कभी सोचा है कि देश भर में 26 जनवरी को ही क्यों गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। जबकि भारत का संविधान बनकर पहले ही तैयार कर लिया गया था। आखिर ऐसा क्या कारण था कि दो महीने का इंतजार करना पड़ा संविधान लागू करने के लिए। आज हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे। हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था।  इसलिए हर साल इसलिए 26 नंवबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बात ध्यान रखें कि इस 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ था लेकिन लागू नहीं किया गया था।  इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया है।  26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। यही वजह है कि हर साल इस खास दिन की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।  गणतंत्र दिवस का महत्व  भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था।  26 जनवरी 1950 को भारत में सविधान को ...

देश विदेश में 26 जनवरी के इतिहास की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ।

Image
  26  जनवरी का इतिहास  शिक्षा डेस्क :- भारत वर्ष के राजनीतिक इतिहास में दो तिथियां ऐसी हैं जिनको भारतवासियों की आने वाली पीढ़ियां भी कभी नहीं भुला पाएंगी। इनमें एक तिथि 14 और 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि की और दूसरी तिथि 26 जनवरी 1950 की है। पहली तिथि पर भारत को सदियों की अंग्रेजों की गुलामी के बाद आजादी मिली और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने मंत्रिमंडल के साथ भारत की सत्ता संभाली। दूसरी तिथि पर 26 जनवरी को हमें तीन बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं, जिनमें पहली उपलब्धि के रूप में वह संविधान मिला जिसे भारत के लोगों ने स्वंय अपना भविष्य तय करने के लिए बनाया था। एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। दूसरी उपलब्धि राष्ट्र को अपना मूल नाम ‘‘भारत ’’ वापस मिला। तीसरी बड़ी उपलब्धि ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त गर्वन...

24 जनवरी की देश विदेश ऐतिहासिक घटना महत्वपूर्ण इतिहास।

Image
  24  जनवरी इतिहास  शिक्षा डेस्क : - हर साल 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाने की सबसे बड़ी वजह भारत की पहली प्रधानमंत्री बनने वाली इंदिरा गांधी से जुड़ी हुई है। 24 जनवरी 1966 को पहली बार बतौर प्रधानमंत्री पूर्व प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी ने अपना कार्यभार भी संभाला था। ये भारत के लिए बहुत ही गर्व की बात थी। 24 जनवरी, 1950 वो दिन था जब संविधान को बनाने वाली कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली आखिरी बार इकट्‌ठा हुई थी। उस दिन तीन बड़े काम हुए थे… पहला, कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली के सभी सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। ये हस्ताक्षर ही हमारे संविधान पर फाइनल मुहर थी। राष्ट्रीय बालिका दिवस पहली बार 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट) द्वारा की गई थी। उस दिन के बाद से इस दिवस को हर साल 24 जनवरी को मनाया जा रहा है। समाज में समानता लाने के लिए भारत सरकार ने नेशनल गर्ल चाइल्ड डे की शुरुआत की थी।  बालिका दिवस को मनाने का सबसे बड़ा कारण समाज में लोगों को...

जानिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है।

Image
शिक्षा डेस्क :-  मतदान दिवस बनाने का मुख्य कारण है कि लोगो को मतदान का महत्व बताया जाए ताकि लोग इसके प्रति जागरूक हो और सही उम्मीद वार को चुने जिससे हमारे देस का विकास एक अवरुद्ध दिसा में चल सके।  भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। इसलिए हर एक व्यक्ति का वोट राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है। भारत में जितने भी चुनाव होते हैं, उनको निष्पक्षता से संपन्न कराने की जिम्मेदारी 'भारत निर्वाचन आयोग' की होती है। 'भारत निर्वाचन आयोग' का गठन भारतीय संविधान के लागू होने से 1 दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हुआ था, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतांत्रिक देश बनने वाला था और भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चुनाव कराने...

25 जनवरी की देश विदेश की घटनाएं इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं।

Image
शिक्षा डेस्क :- देश-दुनिया के इतिहास में 25 जनवरी का दिन कई मायनों में खास है। आज ही के दिन साल 1980 में मदर टेरेसा को भारत रत्न दिया गया था। आज ही के दिन भूदान आंदोलन के जनक विनोबा भावे को भी साल 1983 में मरणोपरांत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया था। 1971 : हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। 25 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – ब्राजील के साओ पाउलो शहर की स्थापना 1554 में हुयी। 1565 में हुए तेल्लीकोटा की लड़ाई में विजयनगर साम्राज्य नष्ट हुआ। डच गणराज्य की स्थापना 1579 में हुई। मॉस्को विश्वविद्यालय की स्थापना 1755 में हुई। पौलैंड की संसद ने स्वतंत्रता की घोषणा 1831 में की। चिली में 1839 में आये भूकम्प से लगभग 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। भारतीय ब्रह्म समाज की शुरूआत प्रसिद्ध समाज सुधारक केशव चंद्र सेन ने 1880 में की। एलेक्जेंडर ग्राहम बेल और थॉमस अल्वा एडीसन ने ओरिएंटल टेलीफोन कंपनी 1881 में बनायी। पेंसिल्वेनिया के चेस्विक में 1904 में हुए कोयला खदान विस्फोट में 179 लोगों की मौत हो गयी। फ्रांस के शैमॉनिक्स में पहले शीतकालीन ओलंपिक खेलों का 1924 में आयोजन। सार के ...

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय एवं उनसे जुड़ी महत्पूर्ण घटनाए।

Image
 शिक्षा डेस्क : - सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्रता सेनानी और एक मशहूर राजनेता थे भारत की आजादी में इनका योगदान अतुल्य रहा है I भारत को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी I उन्होंने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित किया था ऐसे में हम इस आर्टिकल में नेताजी सुभाष चंद्र के जीवन के प्रत्येक पहलुओं के बारे में चर्चा करेंगे, जैसे सुभाष चंद्र बोस की जीवन कहानी ,प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, परिवार, सुभाष चंद्र बोस जयंती, पुण्यतिथि, सुभाष चंद्र बोस के बारे में 10 लाइन ऐसे तमाम चीजों के बारे में अगर आपको कोई भी जानकारी नहीं है तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे साथ आर्टिकल पर आखिर तक बने रहें चलिए शुरू करते हैं – जन्म : नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्‍म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कुट्टक गांव में जानकी नाथ बोस और श्रीमती प्रभावती देवी के घर में हुआ था। साल 1934 में सुभाष चंद्र बोस अपने इलाज के लिए ऑस्ट्रिया गए हुए थे। वहां उनकी मुलाकात एक ऑस्ट्रियन महिला एमिली शेंकल से हुई। दोनों के बीच प्यार हो गया। 1942 में सुभाष चंद्र बोस और एमिली शेंकल ने हिन्दू रीति-रिवाज से शादी कर ली।...

23 जनवरी देश विदेश की ऐतिहासिक घटना को महत्वपूर्ण इतिहास।

Image
  शिक्षा डेस्क : - भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है।  इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती है।  नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था।  23 जनवरी की प्रमुख घटनाएँ 1565 में हुए टेलीकोटा के युद्ध में हिंदु साम्राज्य विजयनगर का पतन हुआ। स्कॉटलैंड के रीजेट मोरे के अर्ल की 1570 में हत्या हुई। रॉयल एक्सचेंज ( Royal Exchange ) की शुरुआत लंदन में 1571 में हुई थी। हॉलैंड और इंग्लैंड ने 1668 में आपसी सहयोग समझौता किया। 1760 में हुए वांदीवाश के युद्ध में अंग्रेजों ने फ्रांसीसियों को हराया। ह्यूमन सोसायटी ऑफ़ फिलाडेल्फिया का गठन 1793 में हुआ। 1793 में दूसरी बार पोलैंड का विभाजन हुआ था। नेपल्स इटली पर फ्रांसीसी सैनिकों ने 1799 में कब्ज़ा किया। प्रशिया ने आस्ट्रिया के बिना 1849 में ‘जर्मन यूनियन’ का प्रस्ताव किया। 1849 में मेडिकल डिग्री हासिल करने वाली पहली अमेरिकी महिला एलिजाबेथ ब्लैकवेल बनीं। 1913 में हुए सैनिक क्रांति में तुर्की की नाजिम पाशा मारे गये। भारत में 1920 में एयरमेल एवं...

देश विदेश 22 जनवरी की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं

Image
  शिक्षा डेस्क : - दोस्तों, आज के दिन यानि 22 जनवरी को इतिहास में देश – विदेश में ऐसी कई महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटी जिसके बारेमें हमें जानकारी नहीं हैं इसीलिए हम आप के लिए लाये हैं, आज के इतिहास की यानि २२ जनवरी के इतिहास का ऐतिहासिक घटनाक्रम 22 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएँ विश्व में  1506 150 स्विस गार्ड की पहली टुकड़ी पोप के लिए सुरक्षा के रूप में सेवा करने के लिए रोम के वेटिकन में पहुंची। 1666 मुगल बादशाह शाहजहाँ का निधन हुआ। 1673 न्यूयॉर्क एवं बोस्टन के बीच डाक सेवा की शुरुआत हुई। 1689 कन्वेंशन पार्लियामेंट ने इंग्लैंड के अंतिम रोमन कैथोलिक राजा, जेम्स द्वितीय को उखाड़ फेंकने का औचित्य सिद्ध करने के लिए बुलाई, जिन्होंने 1688 में फ्रांस भाग जाने पर सिंहासन खाली कर दिया था। 1760 वांदीवाश के युद्ध में अंग्रेजों ने फ्रांसिसियों को हराया। 1775 फ़्रांस के भौतिकशास्त्री एवं गणितज्ञ आन्द्रे मेरी ऐम्पेयर का जन्म हुआ। उन्होंने इलोक्ट्रोनिक टेलीग्राफ़ बनाया और विद्युत की गति की तीव्रता का पता लगाया और उसे मापने के लिए एक यंत्र बनाया। 1808 फ्रांसीसी सेना से भागकर ब्रागांसा पु...

सम्राट अशोक ने कौन सा धर्म अपनाया और उसके प्रमुख अभिलेख ।

Image
  शिक्षा डेस्क : - अशोक 269 ईसा पूर्व के लगभग मौर्य सिहांसन पर आसीन हुआ था। बहुत सारे इतिहासकार उसे प्राचीन विश्व का महानतम सम्राट मानते हैं। उसकी धम्म नीति विद्वानों के बीच निरंतर चर्चा का विषय रही है। इस लेख में हमने अशोक द्वारा भेजे गए धर्म-प्रचारको को सूचीबद्ध किया है।  मौर्य साम्राज्य की धार्मिक स्थिति  मौर्यो के आने से पूर्व बौद्ध तथा जैन धर्म का विकास हो चुका था जबकि दक्षिण में वैष्णव तथा शैव संप्रदाय भी विकसित हो रहे थे चंद्रगुप्त मौर्य ने अपना राज सिंहासन त्याग कर जैन धर्म अपना लिया और एक सच्चा जैन बन गया। सम्राट अशोक ने भी कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया था इसके बाद उन्होंने अपना संपूर्ण ध्यान धर्म के प्रचार में लगा दिया | अशोक के शिलालेख में अशोक के धम्म का उल्लेख भी मिलता है अशोक के धर्म का मतलब कोई धर्म या मजहब नहीं था बल्कि उनके धम्म का मतलब नैतिक सिद्धांत और शुद्ध आचरण था। उस समय ना तो इस्लाम का जन्म हुआ था और ना ही इसाई धर्म का। सम्राट अशोक में धर्म महामात्र नाम के पद वाले अधिकारियों की नियुक्ति की जिनका काम आम जनता में धम्म का प्रचार करना था । धर्...

मौर्य साम्राज्य की स्थापना और उसके प्रमुख शासक कौन -कौन थे।

Image
  शिक्षा डेस्क :- चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विस्तार किया। उसने कई छोटे-छोटे क्षेत्रीय राज्यों के आपसी मतभेदों का फायदा उठाया जो सिकन्दर के आक्रमण के बाद पैदा हो गये थे। 316 ईसा पूर्व तक मौर्यवंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। मौर्य साम्राज्य के शासनकाल के दौरान भारत एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था जिसमें वर्तमान अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बलूचिस्तान, नेपाल और क‌ई क्षेत्र शामिल थे इस लेख में मौर्य साम्राज्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे –  मौर्य साम्राज्य का इतिहास, मौर्य साम्राज्य के शासक, मौर्य साम्राज्य की शासन व्यवस्था एवं मौर्य साम्राज्य की शासन व्यवस्था से संबंधित संपूर्ण जानकारी दी गई है।  मौर्य वंश से पहले मगध पर नंद वंश का शासन था उस समय मगध एक शक्तिशाली राज्य के रूप में उभरा जिसका शासन नंद वंश के शासक धनानंद के हाथों में था 325 ई. पूर्व में संपूर्ण उत्तर पूर्वी भारत पर सिकंदर का शासन था जब सिकंदर पंजाब पर चढ़ाई कर रहा था तब एक ब्राह्मण मगध के शासक को साम्रा...

20 जनवरी को देश विदेश इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं

Image
 शिक्षा डेस्क :- 21 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ असम का नेफा क्षेत्र 21 जनवरी, 1972 को केन्द्र शासित अरुणाचल प्रदेश बना था। तेहरान में अमेरिकी दूतावास में बंधक बनाए गए सभी लोगों को 21 जनवरी, 1981 को छुड़ाया गया था। 21 जनवरी, 1996 को इंडोनेशिया के सुमात्रा तट के पास यात्रियों से भरी नाव डूबने के कारण लगभग 400 लोगों की मौत हो गई थी। हांगकांग में सन 21 जनवरी, 2000 को एशिया के प्रथम 'स्लिट लिवर' का प्रत्यारोपण हुआ था। 1324 – तेंदई और शिंगोन के बीच जैन बौद्ध धार्मिक बहस हुए। 1522 – हेड इन्क्विज़िटर एड्रियन फ्लोरिस बोयेन्स ने पोप चुने गए। 1542 – अंग्रेजी संसद रानी कैथरीन हॉवर्ड के खिलाफ अटेंडर बिल पास किया। 1720 – स्टॉकहोम संधि पर पर्सिया और स्वीडन ने हस्ताक्षर किए। 1732 – रूस और फारस ने रिसाचा की संधि पर हस्ताक्षर किए। 1789 – विलियम हिल ब्राउन की पुस्तक ‘द पॉवर ऑफ सिम्पथी’ बोस्टन में छपी थी। 1840 – अंग्रेजी वर्णाक्षर टेलीग्राफ का पेटेंट विलियम कूक और चार्ल्स व्हीलस्टोन को दिया गया था। 1853 – लिफाफे मोड़ने वाली मशीन का पेटेंट रसेल हावेस ने करवाया था। 1865 – आज ही के दिन पहली बार एक तेल...