ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ ने अपना शासन कब संभाला था
शिक्षा डेस्क : - फरवरी 1952 में जब उनके पिता की मृत्यु हुई, तब एलिजाबेथ—तब 25 वर्ष की थीं। सात स्वतंत्र राष्ट्रकुल देशों की रानी बनीं: यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और सीलोन (जिसे आज श्रीलंका के नाम से जाना जाता है), साथ ही राष्ट्रमण्डल के प्रमुख।
इस साल ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ। के शासन की प्लेटिनम जुबली, यानी 70 साल पूरे हो गए हैं। 6 फरवरी 1952 को पिता किंग जॉर्ज की मौत के बाद एलिजाबेथ ने ब्रिटेन का शासन संभाला। उस वक्त एलिजाबेथ की उम्र महज 25 साल थी। क्वीन एलिजाबेथ शुरुआत से अब तक कुल 14 ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुकी हैं।
किंग जॉर्ज पंचम के एक छोटे बेटे की संतान के रूप में, युवा एलिजाबेथ के सिंहासन पर बैठने की बहुत कम संभावना थी, जब तक कि उसके चाचा, एडवर्ड VIII (बाद में विंडसर के ड्यूक) ने 11 दिसंबर, 1936 को अपने पिता के पक्ष में त्याग नहीं दिया, उस समय उसके पिता किंग जॉर्ज VI बन गए और वह प्रकल्पित उत्तराधिकारी बन गई।
जॉर्ज I 1714-27 जॉर्ज II 1727-60 जॉर्ज III 1760-1820 अमेरिकी उपनिवेशों को खो दिया जॉर्ज IV 1820-30 विलियम IV 1830-37 विक्टोरिया 1837-1901 "हम खुश नहीं हैं।" जॉर्ज पंचम 1910-36 नाम-परिवर्तन जर्मनिक एडवर्ड VIII से बचा गया 1936 जॉर्ज VI 1936-52 एलिजाबेथ द्वितीय 1952- महारानी एलिजाबेथ प्रथम के बाद से अब तक की सबसे लंबी महिला शासन।
राजकुमारी एलिजाबेथ ने देश के नाम अपना पहला संबोधन 21 साल की उम्र में दिया। वे साउथ अफ्रीका के दौरे पर गई थीं। उस समय साउथ अफ्रीका ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था। अपने संबोधन में उन्होंने कहा था- मैं अपना पूरा जीवन समाज और परिवार की सेवा के लिए समर्पित करती हूं। हम सब एक परिवार का हिस्सा हैं। उस वक्त वे क्वीन नहीं, बल्कि प्रिंसेस थीं।
फरवरी 1952 में सब कुछ बदल गया। लंबे वक्त से बीमार चल रहे एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज का निधन हो गया। अब ब्रिटेन को नई महारानी मिलने वाली थी। महज 25 साल की उम्र में एलिजाबेथ II ने ब्रिटेन का शासन संभाला। जून 1953 में उनका आधिकारिक रूप से राज्याभिषेक किया गया। इस कार्यक्रम को पहली बार टीवी पर दिखाया गया। इस दौरान एलिजाबेथ ने कहा था- मेरे पास इस नई जिम्मेदारी के लिए बहुत कम एक्सपीरिएंस है। पेरेंट्स ने जिस तरह से सब कुछ संभाला, मैं भी वैसे ही काम करूंगी। इस मौके पर मैं आप सबका दिल से धन्यवाद करना चाहती हूं।
1931 में बना कामनवेल्थ उन देशों का समूह है, जिन पर कभी न कभी ब्रिटेन का शासन था। भारत समेत 36 देश संप्रभु हैं, वहीं कामनवेल्थ पांच देशों में ब्रिटेन के राजा या रानी के बजाय उनके अपने राजा हैं। 2.5 अरब लोग कामनवेल्थ देशों में रहते हैं, इनमें 60 फीसद से अधिक 29 या उससे कम उम्र के हैं। भारत समेत कुल 56 देश कामनवेल्थ के सदस्य हैं। इनमें से 52 देशों पर ब्रिटेन का शासन रहा है। हालांकि, कुछ ऐसे देश भी कामनवेल्थ के सदस्य हैं जिन पर ब्रिटेन का शासन कभी नहीं रहा है। कामनवेल्थ का मुख्यालय लंदन में है। हर चार वर्ष में होने वाले कामनवेल्थ गेम्स में यही देश हिस्सा लेते हैं। अफ्रीका, एशिया, अमेरिका, यूरोप और पैसिफिक के 56 देश कामनवेल्थ के सदस्य हैं। दुनिया के 42 सबसे छोटे देशों में से 32 कामनवेल्थ के सदस्य हैं, इनमें से प्रत्येक की आबादी 15 लाख या उससे कम है।
एबरफान खदान आपदा :- 21 अक्टूबर 1966 को साउथ वेल्स के गांव एबरफान में भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ। इसमें 144 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे थे। इस आपदा ने देश को झकझोर कर रख दिया था। क्वीन एलिजाबेथ II पीड़ितों से मिलने 8 दिन बाद पहुंची थीं, जिसके बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
खास बात ये है कि एलिजाबेथ सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं बल्कि 15 देशों की महारानी थीं। इनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे समृद्ध देश भी हैं। एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म 21 अप्रैल 1926 में हुआ था। वे इस समय 15 संप्रभु राज्यों की महारानी थीं।

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