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Showing posts from February, 2023

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था

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शिक्षा डेस्क : - कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था आज-कल टेक्निकल होती दुनिया में सब ने इतनी तरक्की कर ली है कि दुनिया में दूरदराज बैठे किसी भी काम को आप कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन कर सकते हैं। कंप्यूटर एकमात्र ऐसा डिवाइस है जिसने दुनिया को टेक्निकल क्षेत्र में एक दूसरे से जोड़े रखा है। कंप्यूटर से सबंधित हर क्षेत्र में काम करने की क्षमता अलग-अलग होती है।  दोस्तों बहुत से लोगों का मानना है की चार्ल्स बैबेज ने कंप्यूटर की खोज की थी।  इन्हे कंप्यूटर जगत के पिता के नाम से भी पुकारा जाता था।  चार्ल्स बैबेज को प्रथम मैकेनिकल कंप्यूटर के सिद्धांतों का पता लगाने का क्रेडिट दिया जाता है। इसके अलावा बहुत से विद्वान लोगों का मानना है की विलियम ऑट्रेड ने अबेकस नाम का पहला कंप्यूटर वर्ष 1622 में बनाया था। इस आधुनिक तकनीकी से बनाए गए कंप्यूटर की नींव Analytical Engine ने रखी थी। वर्ष 1833 से लेकर वर्ष 1878 के बीच कंप्यूटर की शुरुआत चार्ल्स बैबेज ने की थी जो कि एक ब्रिटिश गणितज्ञ थे।   कंप्यूटर का आविष्कार सन 1822 में हुआ। चार्ल्स बैबेज नामक प्रसिद्द माथेमैटिशन ने इस यन्त्...

ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ ने अपना शासन कब संभाला था

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  शिक्षा डेस्क : - फरवरी 1952 में जब उनके पिता की मृत्यु हुई, तब एलिजाबेथ—तब 25 वर्ष की थीं। सात स्वतंत्र राष्ट्रकुल देशों की रानी बनीं: यूनाइटेड किंगडम, कनाडा,  ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और सीलोन (जिसे आज श्रीलंका के नाम से जाना जाता है), साथ ही राष्ट्रमण्डल के प्रमुख। इस साल ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ। के शासन की प्लेटिनम जुबली, यानी 70 साल पूरे हो गए हैं। 6 फरवरी 1952 को पिता किंग जॉर्ज की मौत के बाद एलिजाबेथ ने ब्रिटेन का शासन संभाला। उस वक्त एलिजाबेथ की उम्र महज 25 साल थी। क्वीन एलिजाबेथ शुरुआत से अब तक कुल 14 ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुकी हैं। किंग जॉर्ज पंचम के एक छोटे बेटे की संतान के रूप में, युवा एलिजाबेथ के सिंहासन पर बैठने की बहुत कम संभावना थी, जब तक कि उसके चाचा, एडवर्ड VIII (बाद में विंडसर के ड्यूक) ने 11 दिसंबर, 1936 को अपने पिता के पक्ष में त्याग नहीं दिया, उस समय उसके पिता किंग जॉर्ज VI बन गए और वह प्रकल्पित उत्तराधिकारी बन गई। जॉर्ज I 1714-27 जॉर्ज II ​​1727-60 जॉर्ज III 1760-1820 अमेरिकी उपनिवेशों को खो दिया जॉर्ज IV 1...

6 फरवरी देश विदेश इतिहास महत्वपूर्ण घटना।

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शिक्षा डेस्क : - आज इस आर्टिकल में हम आपको 6 फरवरी का इतिहास –के बारे में बताने जा रहे है। हमारा इतिहास इतना बड़ा है कि इसे याद रख पाना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है। इसीलिए हमारी वेबसाइट पर हम आपको हर रोज यानी तारीख के हिसाब से आज की दिन घटित हुई घटनाओं का विवरण दे रहे है जिसकी मदद से आप अपने ज्ञान को बढ़ा सकते है। 1831 - बेल्जियम में संविधान लागू हुआ था  1915 - चलती ट्रेन से पहली बार भेजा गया वायरलेस संदेश रेलवे स्टेशन को प्राप्त हुआ था  1918 – 30 वर्ष से अधिक आयु के ब्रिटिश महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला था 1922 वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हथियारों को नियंत्रित और कम करने के लिए पंचमुखी समझौता हुआ। 1922 ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, इटली और अमेरिका ने नौसेना हथियारों की दौड़ से बचने के लिए वाशिंगटन नेवल ट्रीटी पर हस्ताक्षर किए। 1928 अभिनेत्री मे क्लार्क ने शिकागो के नर्तक और हास्य अभिनेता लेव ब्रूस से शादी की। 1935 स्विट्जरलैंड, जर्मनी और आस्ट्रिया में हिमस्खलन में 14 लोग मारे गए। 1936 खोजियों के एक दल ने चार वर्ष के गहन प्रयास के बाद विश्व के सबसे ठंडे क्ष...

तक्षशिला विद्यालय की स्थापना कब की किसने करवाया थी।

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शिक्षा डेस्क : - तक्षशिला विश्वविद्यालय वर्तमान पाकिस्तान के रावलपिडी से 18 मील उत्तर की ओर स्थित था। जिस नगर में यह विश्वविद्यालय था उसके बारे में कहा जाता है कि श्री राम के भाई भरत के पुत्र तक्ष ने उस नगर की स्थापना की थी। यह विश्व का प्रथम विश्विद्यालय था जिसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व में की गई थी।  आयुर्वेद विज्ञान का सबसे बड़ा केन्द्र : - 500 ई. पू. जब संसार में चिकित्सा शास्त्र की परंपरा भी नहीं थी तब तक्षशिला'आयुर्वेद विज्ञान'का सबसे बड़ा केन्द्र था। जातक कथाओं एवं विदेशी पर्यटकों के लेख से पता चलता है कि यहां के स्नातक मस्तिष्क के भीतर तथा अंतड़ियों तक का ऑपरेशन बड़ी सुगमता से कर लेते थे। अनेक असाध्य रोगों के उपचार सरल एवं सुलभ जड़ी बूटियों से करते थे। इसके अतिरिक्त अनेक दुर्लभ जड़ी-बूटियों का भी उन्हें ज्ञान था। शिष्य आचार्य के आश्रम में रहकर विद्याध्ययन करते थे। एक आचार्य के पास अनेक विद्यार्थी रहते थे। इनकी संख्या प्राय: सौ से अधिक होती थी और अनेक बार 500 तक पहुंच जाती थी। अध्ययन में क्रियात्मक कार्य को बहुत महत्त्व दिया जाता था। छात्रों को देशाटन भी कराया जाता थ...

महाजनपद एवं राजधानी महत्वपूर्ण उल्लेख।

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शिक्षा डेस्क : - भारतीय इतिहास में छठी शताब्दी ई. पू. को एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी काल माना जाता है| इस काल को प्रायः आरंभिक राज्यो, नगरों, लोहे के बढ़ते प्रयोग और सिक्कों के विकास के साथ जोड़ा जाता है| बौद्ध और जैन धर्म के आरंभिक ग्रन्थों में महाजनपद नाम से 16 राज्यो का उल्लेख मिलता है| यद्यपि महाजनपदों के नाम की सूचि इन ग्रन्थों में एकसमान नहीं लेकिन वज्जि, मगध, कोशल, कुरु, पांचाल, गान्धार और अवन्ति जैसे नाम प्रायः मिलते है । बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तरनिकाय में 16 महाजनपदों का उल्लेख है, बौद्ध ग्रन्थ महावस्तु तथा जैन ग्रन्थ भगवतीसूत्र में भी 16 महाजनपदों की सुचना मिलती है, किन्तु महावस्तु में गान्धार और कम्बोज के बदले पंजाब में शिवा तथा मध्य भारत में दर्शन का उल्लेख है| उसी तरह भगवती सूत्र में बंग एवं मलय जनपदों का उल्लेख है| चुल्लनिध्देश में 16 महाजनपदों का उल्लेख है| इसमें कम्बोज की जगह कलिंग तथा गांधार की जगह योन का उल्लेख है । अवन्ति : - इसकी पहचान मध्य प्रदेश के आधुनिक मालवा क्षेत्र से की जा सकती है | विन्ध्य पर्वत श्रृंखला इसे 2  भाग में विभाजित करती थी ― उत्तरी अवन्त...

विश्व कैंसर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है।

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शिक्षा डेस्क : - विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरूआत सन 1933 में हुई, जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर संघ द्वारा जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। इसके अलावा कैंसर के बढ़ते प्रकोप और इसके भयावह परिणामों को देखते विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया, ताकि आने वाले समय में इसके प्रति जागरूकता का आंकड़ा बढ़े और कई जिंदगि‍यों को इससे बचाया जा सके। वर्ष 2023 में विश्व कैंसर दिवस की थीम क्या है :- वर्ष 2023 में विश्व कैंसर दिवस की थीम ‘क्लोज द केयर गैप’  रखी गयी है जो की सम्पूर्ण दुनिया के कैंसर पीड़ित नागरिकों को इस जंग में लड़ने हेतु समान सुविधाएँ एवं चिकित्सा सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है। विश्व कैंसर दिवस क्यों मनाया जाता है:- हर साल विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को मनाया जाता है। UICC का प्राथमिक उद्देश्य कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है। साथ ही लोगों में कैंसर के लक्षणों को पहचान पाने के लिए प्रयास करना, उनमें जागरुकता बढ़ाना। इस बीमारी को लेकर लोगों को शिक्षित करना, सरकारी...

4 फरवरी का देश विदेश की महत्वपूर्ण घटनाएं

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शिक्षा डेस्क :- भारतीय  तिहास में आज 4 फरवरी का दिन अमर है। आजादी की लड़ाई में 4 फरवरी का दिन यादगार बन गया। आज के ही दिन चौरी-चौरा कांड हुआ था।  जिसके बाद महात्मा गांधी को असहयोग आंदोलन  वापस लेना पड़ा था। 4 फ़रवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ –   1620 - हंगरी के प्रिंस बेथलेन और रोम के सम्राट फर्डीनेंड द्वितीय के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।  1783 - इटली के कैलब्रिया में आये भीषण भूकंप में 50 हजार लोग मारे गये। 1797 - इक्वाडोर की राजधानी क्वीटो में आये विनाशकारी भूकंप में 41 हजार से अधिक लोग मारे गये। 1847 - मैरीलैंड में अमेरिका की पहली टेलीग्राफ कंपनी की स्थापना की गयी।  1881 - लोकमान्य तिलक के संपादन में दैनिक समाचार पत्र 'केसरी' का पहला अंक आया था। 1895 - पहले रोलिंग लिफ्ट पुल का उद्घाटन अमेरिका के शिकागो में हुआ।  1920 - लंदन से दक्षिण अफ्रीका के बीच पहली विमान सेवा शुरू। 1924 - महात्मा गाँधी को उनका ख़राब स्वास्थ्य होने के कारण समय से पहले ही जेल से रिहा कर दिया गया।  1932 - न्यूयार्क के लेक प्लेसिड में तीसरे शीतकालीन ओलंपिक का श...

भारतीय संविधान को कब बनाया गया और कैसे इसका निर्माण हुआ।

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भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ? शिक्षा डेस्क : - भारत देश में सबसे ऊंचा पद भारतीय संविधान का है। सरकार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति, प्नधानमंत्री कोई भी इससे ऊपर नही है। सब इसके दायरे में रहकर काम करना होता है। भारत के वर्तमान संविधान को बनाने के लिये आजादी के पहले से ही प्रयास किये जा रहे थे। दरअसल अंग्रेजी सरकार को ये पता था कि उन्हें जल्दी ही भारत को छोड़ना ही होगा। इसलिये उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हम सब को ये पता होना चाहिये कि भारत के संविधान का निर्माण कैसे हुआ।  संविधान सभा की स्थापना:- सबसे पहले 1946 के कैबिनेट मिशन ने भारत के लिये एक नया संविधान बनाने के लिये संविधान सभा की स्थापना की सिफारिश की थी और इसके लिये जुलाई 1946 में चुनाव हुये थे जिसके बाद संविधान सभा में 389 सदस्य थे, हालांकि बाद में इस घटा कर 299 कर दिया गया क्योंकि अंग्रेजी सरकार ने पाकिस्तान के लिये एक अलग संविधान सभा का गठन किया था। लेकिन अंग्रेजी सरकार द्वारा बनाई गई इस संविधान सभा की शक्तियां सीमित थी पर अग्रेजों ने ही 1947 के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम द्वारा ...

सातवाहन वंश का संस्थापक और उसका अंतिम शासक कौन था

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शिक्षा डेस्क : - सातवाहन वंश:-सातवाहन वंश (60 ई.पू. से 240 ई.) भारत का प्राचीन राजवंश था, जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया था। भारतीय इतिहास में यह राजवंश 'आन्ध्र वंश' के नाम से भी विख्यात है। सातवाहन वंश का प्रारम्भिक राजा सिमुक था। इस वंश के राजाओं ने विदेशी आक्रमणकारियों से जमकर संघर्ष किया था। इन राजाओं ने शक आक्रांताओं को सहजता से भारत में पैर नहीं जमाने दिये। सातवाहन वंश, प्राचीन भारत राजवंश है। सातवाहन राजाओं ने 450 वर्षों तक शासन किया। सातवाहन वंश की स्थापना 230 से 60 ईसा पूर्व के बीच राजा सीमुक ने की थी। सातवाहन राजवंंश के सीमुक, शातकर्णी प्रथम, गौतमी पुत्र शातकर्णी, वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी, यज्ञश्री शातकारणी प्रमुख राजा थे। सातवाहन वंश की स्थापना 230 से 60 ईसा पूर्व के बीच राजा सीमुक ने की थी। सातवाहन राजवंंश के सीमुक, शातकर्णी प्रथम, गौतमी पुत्र शातकर्णी, वासिष्ठीपुत्र पुलुमावी, यज्ञश्री शातकारणी प्रमुख राजा थे। प्रतिष्ठान सातवाहन वंश की राजधानी रही , यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। सांस्कृतिक और धार्मिक सामाजिक दशा :- सातवाहन साम्राज्य में वर्ण व्यवस्थ...

देश विदेश में 3 फरवरी का इतिहास महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना।

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3 फरवरी का इतिहास  शिक्षा डेस्क : - 3 फरवरी का दिन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस दिन 1815 में पनीर उत्पादन का पहला कारखाना स्वीट्जरलैंड में खोला गया। साथ ही कई घटनाएं हुईं. जिन्होंने आने वाले कल पर अपना असर छोड़ा।  इस दिन कई मशहूर हस्तियों जैसे प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान, रीमा लागू का जन्म हुआ। वहीं कई हस्तियों जैसे लोकप्रिय नेता सीएन अन्‍नादुरई का निधन हुआ। 1945 - रूस द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ युद्ध में शामिल होने पर सहमत हुआ।  1954 - इलाहाबाद कुम्भ मेले में हुए हादसे में 500 से अधिक की मौत।  1969 - तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सी.एन. अन्नादुरई का निधन।  1970 - भारत के पहले और दुनिया के सबसे बड़े कोयला आधारित उर्वरक संयंत्र की तलचर में आधारशिला रखी गई।  1972 - जापान के सप्पारो में एशिया में पहली बार शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन किया गया।  1988 - पहली परमाणु पनडुब्बी (आईएनएस चक्र) भारतीय सेना में शामिल। 1957 - भारतीय अभिनेत्री दीप्ति नवल का जन्म 3 फरवरी 1957 को हुआ था। 1963 - भारतीय अर्थशास्त्री रघुराम राजन का जन्म 3 फरवरी 1963 को...

राजस्थान के प्रमुख पशु मेले का आयोजन महत्वपूर्ण जानकारी।

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  पशु प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र केन्द्र सरकार :- पशुमाता उन्मूलन योजना – पशुओं मे संक्रामक रोकथाम हेतु 1958-59 में यह योजना राजस्थान में शुरू की गई। केद्रीय पशु प्रजनन फार्म – सूरतगढ़ (गंगानगर) -1956 में। केन्द्रीय भेड़ प्रजनन व ऊन अनुसंधान केन्द्र – अविकानगर (टोंक)। इसका एक उपकेन्द्र है मरू क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र बीछवाल, बीकानेर। केन्द्रीय ऊंट प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र – जोडबीर, शिवबाड़ी-बीकानेर। इसकी स्थापना 5 जुलाई, 1984 को हुई।  पश्चिम क्षेत्रीय बकरी अनुसंधान केन्द्र – अविकानगर (टोंक)। स्थापना – 1986 में। भारतीय पशुपालन विकास एवं अनुसंधान लि. 2010 में बनीपार्क, जयपुर में स्थापित किया गया। केन्द्रीय अश्व प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र – जोडबीर, शिवबाड़ी-बीकानेर।  राज्य सरकार :-राज्य सरकार का पहला पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर में खोला गया। मल्लीनाथ पशु मेला⟶ यह पशु मेला तिलवाडा (बाड़मेर) में लगता है । यह मेला चेत्र कृष्ण 11 से चैत्र शुक्ल 11 को लगता हैं । वि.सं. 1431 को प्रारम्भ। सबसे प्राचीन मेला, राजस्थान सरकार के पशु पालन विभाग द्वारा पहली बार 1...

राजस्थान की पशु सम्पदा एवं उनकी प्रमुख नस्ल

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शिक्षा डेस्क :- राजस्थान में 20 वीं पशुगणना:-20 वीं पशुगणना के अनुसार राजस्थान में कुल पशुधन 56.8 मिलियन(5.68 करोड़) है। जो कि 2012 की 57.7 मिलियन(5.77 करोड़) था। इस प्रकार 2019 में कुल पशुओं की संख्या में 1.66 प्रतिशत की कमी देखी गई है। राजस्थान 56.8 मिलियन पशुओं के साथ भारत में दूसरे स्थान पर है। पशु सम्पदा: -19वीं पशुगणना में पशु सम्पदा में राजस्थान में सर्वाधिक वृद्धि खच्चर (280.93%) व कुक्कुट (60.69%) में हुई। सर्वाधिक कमी :- ऊँट (-22.79%) राज्य में सर्वाधिक संख्या वाला पशु :- बकरी (216.66 लाख)  यहाँ पर पशुधन घनत्व 169 प्रति वर्ग किलोमीटर है। वर्तमान में प्रदेश में प्रति हजार जनसंख्या पर पशुओं की संख्या 842 हो गई है। राजस्थान में देश का 6.98% गौवंश, 11.94% भैंस वंश, 16.03% बकरी वंश, 13.95% भेड़ वंश तथा 81% ऊँट वंश उपलब्ध है। वर्ष 2012 में वर्ष 2007 की तुलना में राज्य की पशु-सम्पदा में 10.69 लाख (1.89%) की वृद्धि हुई है। 2012 की पशुगणना के अनुसार राज्य में सर्वाधिक पशु बकरियाँ (37.53%) है। ◼️ गोवंश की दृष्टि से देश में पश्चिम बंगाल प्रथम स्थान रखता है , जबकि राजस्थान का छठा स्...

मौर्य साम्राज्य के बाद कौनसा शासक आया था और उसके प्रमुख शासक।

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  शिक्षा डेस्क : - वैसे तो भारत वीर और महान राजाओं, जिनकी वीरता और महानता इतिहास आज भी कह रहा है, की ही भूमि है लेकिन कभी कभी कुछ मामले ऐसे हो जाते हैं जिन्हें हम अपवाद कहने लगते हैं। ऐसे ही एक महाप्रतापी राजा हुए हैं जिनका नाम है पुष्यमित्र शुंग। आपको बता दें कि शुंग वंश की शुरुआत पुष्यमित्र शुंग से ही होती है। वह जन्मना ब्राह्मण और कर्मणा क्षत्रीय थे। क्यों पुष्यमित्र शुंग को मौर्य साम्राज्य का खात्मा करना पड़ा।  जब भारत में चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन काल था तब ये कहानी आरम्भ होती है।  जैसा कि आपको मालूम ही होगा कि चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु स्वयं आचार्य चाणक्य थे।  आचार्य ने हमेशा ही राष्ट्रवाद को आगे ले जाने का मार्ग सबके लिए प्रशस्त किया।  लेकिन जब आचार्य चाणक्य की मृत्यु हुई तो चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म अपना लिया और उसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया।  शुंग कौन थे? :- अंतिम मौर्य सम्राट ब्रहद्रथ की हत्या करके पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य साम्राज्य को समाप्त किया और एक नए वंश की नीवं रखी। यह नया वंश शुंग वंश के नाम से जाना जाता है। यह कहा जाता है कि जब ब्र...

देश -विदेश में 2 फरवरी का इतिहास महत्वपूर्ण घटनाएं

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शिक्षा डेस्क : - हर साल 2 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है। यह दिन 2 फरवरी, 1971 को ईरान के रामसर में आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन को अपनाने की तारीख को चिह्नित करता है। यह पहली बार 1997 में मनाया गया था। 1 फरवरी को भारतीय तटरक्षक बल अपना स्थापना दिवस मनाता है। भारतीय तटरक्षक बल ने भारत के समुद्री क्षेत्रों के भीतर भारतीय तटों की सुरक्षा और नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2 फ़रवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ  1509 - भारत में दीव (गोआ, दमन और दीव) के पास पुर्तग़ाल व तुर्की के बीच युद्ध हुआ।  1556 - चीन के शैन्सी प्रांत में आये विनाशकारी भूकंप में करीब आठ लाख तीस हजार लोगों की मौत हुई।  1626 - चार्ल्स प्रथम इंग्लैंड के सम्राट बने।  1788 - देश में प्रशासनिक सुधारों के लिये पिट्स नियामक अधिनियम को लागू किया गया।  1814 - कलकत्ता (अब कोलकाता) संग्रहालय की स्थापना हुई।  1862 - शंभूनाथ पंडित कलकत्ता उच्च न्यायालय के पहले भारतीय न्यायाधीश बने। 1878 - यूनान ने तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। 1890 - अमेरिकन एक्टर चार्ल्स क...

राजस्थान के प्रमुख त्यौहार कब और कैसे मनाया जाते है।

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  शिक्षा डेस्क :- धुलण्डी:- भारतीय उपमहाद्वीप से उत्पन्न एक लोकप्रिय प्राचीन हिंदू त्योहार है। इस त्योहार को भारतीय “वसंत का त्योहार”, “रंगों का त्योहार” या “प्रेम का त्योहार” के रूप में जाना जाता है।  चैत्र माह की कृष्ण प्रतिपदा को होली के दूसरे दिन धुलंडी मनायी जाती है । पहली शाम को होलिका दहन या छोटी होली के रूप में जाना जाता है और अगले दिन होली, रंगवाली होली, धुलेटी, धुलंडी, या फगवा के रूप में जाना जाता है।   अक्षय तृतीया/आखा तीज :- वैषाख शुक्ल तृतीया इस दिन से सतयुग व त्रेता युग का आरम्भ माना जाता है। इसे आखा तीज भी कहते है। इस दिन राजस्थान में सर्वाधिक बाल-विवाह होते है।  शीतलाष्टमीः- यह त्योहार चैत्र कृष्ण अष्टमी को मनाया जाता है | शीतलाअष्टमी हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन शीतला माता की पूजा होती है और व्रत भी रखा जाता है। इस दिन बासी खाना खाया जाता है जिस से इसे ‘बासिड़ा‘ कहा जाता है । राजस्थान के जोधपुर में भी शीतलाष्टमी की धूमधाम से पूजा की जाती है। शीतलामाता का मंदिर चाकसू-जयपुर में है । यह  त्योहार इसलिए मनाया जात्ता है क्योकि ...

राजस्थान के प्रमुख किसान आंदोलन

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शिक्षा डेस्क : - भारत का प्रथम अहिंसात्मक एवं असहयोगात्मक किसान आंदोलन बिजोलिया किसान आंदोलन था बिजौलिया किसान आन्दोलन – (1897-1941 44 ) जिला – भीलवाड़ा बिजौलिया का प्राचीन नाम – विजयावल्ली संस्थापक – अशोक परमार बिलौलिया, मेवाड़ रियासत का ठिकाना था। कारण:- लगान की दरे अधिक थी। लाग-बाग कई तरह के थे। बेगार प्रथा का प्रचलन था। बिलौलिया किसानों से 84 प्रकार का लाग-बाग(टैक्स) वसुल किया जा जाता था।  बिजौलिया के किसान धाकड़ जाति के लोग अधिक थे।  बिजौलिया किसान आन्दोलन तीन चरणों में पुरा हुआ था। 1. 1897 से 1916 – नेतृत्व – साधु सीताराम दास 2. 1916 से 1923 – नेतृत्व – विजयसिंह पथिक 3. 1923 से 1941 – नेतृत्व – माणिक्यलाल वर्मा, हरिभाऊ उपाधाय, जमनालाल बजाज, रामनारायण चैधरी। प्रथम चरण -(1897 से 1916 तक):-1897 में बिजौलिया के किसान गंगाराम धाकड़ के मृत्युभोज के अवसर पर गिरधारीपूरा गांव से एकत्रित होते और ठिकानेदार की शिकायत मेवाड़ के महाराणा से करने का निश्चिय करते हैं। और नानजी पटेल व ठाकरी पटेल को उदयपुर भेजा जाता है जहां मेवाड़ के महाराणा फतेहसिंह ने कोई भी कार्यवाही नहीं की।...