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1 फरवरी को देश विदेश के इतिहास की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाए।

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 1  फरवरी इतिहास की घटना  शिक्षा डेस्क :-  भारत और विश्व इतिहास में 01 फरवरी का अपना ही एक खास महत्व है, क्योकि इस दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी जो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज होकर रह गईं हैं। आईये जानते हैं 01 फरवरी की ऐसी ही कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाएँ जिन्हे जानकर आपका सामान्य ज्ञान बढ़ेगा। एकत्रित तथ्य ऐसे होंगे जैसे : आज के दिन जन्मे चर्चित व्यक्ति, प्रसिद्ध व्यक्तियों के निधन, युद्ध संधि, किसी देश के आजादी, नई तकनिकी का अविष्कार, सत्ता का बदलना, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिवस इत्यादि। 1 फरवरी का इतिहास –  लॉर्ड कार्नवालिस आज ही के दिन 1786 में भारत के गवर्नर जनरल बने। न्यूयार्क शहर में 1 फरवरी 1790 में पहली बार ‘सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ द यूनाइटेड स्टेट्स’ का आयोजन किया गया। ‘यूनाइटेड किंगडम’ और नीदरलैंड पर फ़्रांस ने आज ही के दिन 1793 में युद्ध की घोषणा की। लार्ड काॅर्नवालिस ने 1 फरवरी 1797 में बंगाल के गवर्नर जनरल के पद की शपथ ली। फिलीपींस में 1 फरवरी 1814 में ज्वालामुखी फटने से करीब 1,200 लोगों की माैत हुई। कलकत्ता बंगाल क्लब की स्थापना 1 फरवर...

राजस्थान के प्रमुख खनिज संसाधन की महत्वपूर्ण जानकारी।

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शिक्षा डेस्क :-  राजस्थान के प्रमुख संसाधन राजस्थान में सर्वाधिक उपलब्ध खनिज राॅक फास्फेट है। राजस्थान जास्पर,बुलस्टोनाइट व गार्नेट का समस्त उत्पादन का एक मात्र राज्य है। सीसा जस्ता, जिप्सम, चांदी,संगमरमर,एस्बेसटाॅस,राॅकफास्फेट,तामड़ा, पन्ना, जास्पर, फायरक्ले,कैडमियम में राजस्थान का एकाधिकार है। राजस्थान की गणना खनिज सम्पदा की दृष्टि से सम्पन्न राज्यों में होती है। राज्य का देश के कुल खनिज उत्पादन में योगदान लगभग 22% है। राज्य देश के कुल खनिज उत्पादन का 15% धात्विक खनिज, 25% अधात्विक खनिज व 26% लघु श्रेणी के खनिज उत्पादित करता है। वर्ष 1950-51 में राज्य में लगभग 15 प्रधान व 6 लघु खनिजों को दोहन होता था। जबकि वर्तमान में लगभग 58 प्रकार के खनिजों का दोहन होता है। राज्य में 79 प्रकार के खनिज पाये जाते हैं। खनिज भण्डारों की दृष्टि से राजस्थान, झारखण्ड के बाद दूसरा स्थान रखता है। अलौह धातु (सीसा, जस्ता, ताँबा) के उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान देश में प्रथम स्थान रखता है। विविधतापूर्ण खनिज सम्पदा के कारण राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहते हैं। राजस्थान जास्पार, वोलेस्टोनाइट व गार्नेट के...

31 जनवरी की देश विदेश महत्वपूर्ण इतिहास ऐतिहासिक घटना।

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 शिक्षा डेस्क : - अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में 31 जनवरी का विशेष महत्व है। दरअसल यह अजब संयोग है कि अमेरिका ने 31 जनवरी 1958 को अपना पहला अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में भेजा और इसी तारीख को नासा ने जीवित प्राणियों पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक चिंपांजी को अंतरिक्ष में भेजा। 31 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ 1599: ब्रिटेन की रानी एलिज़ाबेथ प्रथम के आदेश पर भारत में ब्रिटेन की पहली ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना हुई. 1850: चीन में ताए पींगहा (जनता का संकल्प )नाम से सबसे बड़ा जनान्दोलन आरंभ हुआ. 1893: अमेरिका में पहली बार ‘कोका कोला’ ट्रेडमार्क का पेटेंट किया गया. 1958: अमेरिका ने पहले भू-उपग्रह का प्रक्षेपण किया. 1561 - मुग़ल बादशाह अकबर के संरक्षक बैरम ख़ाँ की गुजरात के पाटण में हत्या कर दी गई। 1606 - ब्रिटेन में तख़्त के ख़िलाफ़ साजिश करने वाले गाइफ़ाक्स को मौत के घाट उतार दिया। 1865 - अमेरिका में 'दासता उन्मूलन' संबंधी 13वां संशोधन विधेयक स्वीकृत हुआ। 1884 - रूसी फ़ौजों ने अफ़ग़ानिस्तान के अमीर के मर्व छीन लिया। 1915 - 'प्रथम विश्व युद्ध' के दौरान जर्मनी ने...

30 जनवरी को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मर कर हत्या क्यों की थी।

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शिक्षा डेस्क :-   इस बात की कल्‍पना ही की जा सकती है कि जब नाथूराम गोडसे ने महात्‍मा गांधी की हत्या की होगी, तो मौके पर माहौल क्‍या रहा होगा। लोग स्तब्ध रह गए होंगे।  नफरत से भर उठे होंगे। गोडसे के लिेए द्वेष रहा होगा। चौराहे पर फांसी देने की मांग उठी होगी। कोर्ट के बाहर प्रदर्शन होते होंगे। अपराधियों को भारी सुरक्षा में कोर्ट लाया जाता होगा। गोडसे और उसके साथी तनाव से भरे रहते होंगे। बापू का समाधिस्‍थल राजघाट लोगों से भरा रहता होगा। लेकिन हकीकत में ऐसा तिनका भर भी नहीं हुआ।  30 जनवरी 1948 को गोडसे ने जो ‘कुकृत्य’ किया, पूरे देश से उसे लानतें मिलीं।  बापू तब दैनिक प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए जा रहे थे।  बिड़ला हाउस में दक्षिणपंथी उग्रवादी नाथूराम गोडसे ने उन्हें गोली मार दी। हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्षधर महात्मा गांधी की हत्या का प्रयास पहले भी हुआ था। 1934 के बाद से उनकी हत्या के लिए 5 बार हमले किए गए थे, जो नाकाम रहे।  38 वर्षीय जोशीले गोडसे एक दक्षिणपंथी पार्टी हिंदू महासभा के सदस्य थे।  इस पार्टी ने गांधी पर मुसलमान समर्थक होने और पाकिस...

26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है।

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   शिक्षा डेस्क :- हर साल हम बहुत ही धूम-धाम से गणतंत्र दिवस मनाते है। भारत को गणतंत्र देश का दर्जा मिला था।  भारत के लिए ये गर्व की बात है।  लेकिन आपने कभी सोचा है कि देश भर में 26 जनवरी को ही क्यों गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। जबकि भारत का संविधान बनकर पहले ही तैयार कर लिया गया था। आखिर ऐसा क्या कारण था कि दो महीने का इंतजार करना पड़ा संविधान लागू करने के लिए। आज हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे। हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था।  इसलिए हर साल इसलिए 26 नंवबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बात ध्यान रखें कि इस 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ था लेकिन लागू नहीं किया गया था।  इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया है।  26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। यही वजह है कि हर साल इस खास दिन की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।  गणतंत्र दिवस का महत्व  भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था।  26 जनवरी 1950 को भारत में सविधान को ...

देश विदेश में 26 जनवरी के इतिहास की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ।

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  26  जनवरी का इतिहास  शिक्षा डेस्क :- भारत वर्ष के राजनीतिक इतिहास में दो तिथियां ऐसी हैं जिनको भारतवासियों की आने वाली पीढ़ियां भी कभी नहीं भुला पाएंगी। इनमें एक तिथि 14 और 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि की और दूसरी तिथि 26 जनवरी 1950 की है। पहली तिथि पर भारत को सदियों की अंग्रेजों की गुलामी के बाद आजादी मिली और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने मंत्रिमंडल के साथ भारत की सत्ता संभाली। दूसरी तिथि पर 26 जनवरी को हमें तीन बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं, जिनमें पहली उपलब्धि के रूप में वह संविधान मिला जिसे भारत के लोगों ने स्वंय अपना भविष्य तय करने के लिए बनाया था। एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। दूसरी उपलब्धि राष्ट्र को अपना मूल नाम ‘‘भारत ’’ वापस मिला। तीसरी बड़ी उपलब्धि ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त गर्वन...

24 जनवरी की देश विदेश ऐतिहासिक घटना महत्वपूर्ण इतिहास।

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  24  जनवरी इतिहास  शिक्षा डेस्क : - हर साल 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाने की सबसे बड़ी वजह भारत की पहली प्रधानमंत्री बनने वाली इंदिरा गांधी से जुड़ी हुई है। 24 जनवरी 1966 को पहली बार बतौर प्रधानमंत्री पूर्व प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी ने अपना कार्यभार भी संभाला था। ये भारत के लिए बहुत ही गर्व की बात थी। 24 जनवरी, 1950 वो दिन था जब संविधान को बनाने वाली कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली आखिरी बार इकट्‌ठा हुई थी। उस दिन तीन बड़े काम हुए थे… पहला, कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली के सभी सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। ये हस्ताक्षर ही हमारे संविधान पर फाइनल मुहर थी। राष्ट्रीय बालिका दिवस पहली बार 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट) द्वारा की गई थी। उस दिन के बाद से इस दिवस को हर साल 24 जनवरी को मनाया जा रहा है। समाज में समानता लाने के लिए भारत सरकार ने नेशनल गर्ल चाइल्ड डे की शुरुआत की थी।  बालिका दिवस को मनाने का सबसे बड़ा कारण समाज में लोगों को...