राजस्थान का एकीकरण कितने चरण में हुआ था।
राजस्थान के एकीकरण का श्रेय सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया जाता है। राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पूरा हुआ राजस्थान का एकीकरण 18 मार्च 1948 से शुरू होकर 1 नवंबर 1956 को पूरा हुआ इसमें 8 वर्ष 7 माह 14 दिन लगे।
आजादी के समय राजस्थान में 19 रियासते की 3 ठिकाने और 1 केंद्र शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा था।
ठिकाने – लावा, कुशलगढ़, नीमराना ठिकाना।
प्रथम चरण
● नाम – मत्स्य संघ
● स्थापना – 18 मार्च, 1948
● राजधानी – अलवर
● प्रधानमंत्री – शोभाराम कुमावत ( अलवर के )
चार रियासत— अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली और नीमराणा (अलवर) ठिकाना को मिलाकर मत्स्य संघ का निर्माण किया।
उद्धघाटन – केंद्रीय मंत्री एन. वी. गाडगिल (नरहरि विष्णु गाॅडविल) द्वारा
राजप्रमुख – धौलपुर महाराजा उदयभान सिंह
उपराजप्रमुख – गणेश पाल, करौली
मत्स्य संघ नाम श्री के.एम.मुंशी ने सुझाया।
द्वितीय चरण
● नाम – पूर्व राजस्थान
● राजधानी – कोटा
● स्थापना – 25 मार्च , 1948
25 मार्च, 1948 को कोटा, बूंदी, झालावाड़, टोंक, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, किशनगढ़ व शाहपुरा आदि 9 रियासत और एक कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) ठिकाना को मिलाकर राजस्थान संघ की स्थापना की।
उद्घाटन कर्ता – एन. वी. गाॅडविल
राजप्रमुख- भीमसिंह (कोटा)
उपराज प्रमुख- बूंदी महाराजा बहादुरसिंह, महारावल लक्ष्मणसिंह
प्रधानमंत्री- गोकुल लाल असावा (शाहपुरा)
नोट:— बांसवाड़ा महारावल चंद्रवीर सिंह ने विलयपत्र पर हस्ताक्षर करते हुए कहा “मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।
तीसरा चरण
● नाम – संयुक्त राजस्थान
● स्थापना – 18 अप्रैल , 1948
● राजधानी – उदयपुर
● रियासतें – पूर्व राजस्थान में उदयपुर रियासत को मिलाया । ( 10 रियासतें + 1 ठिकाना )
● प्रधानमंत्री – माणिक्य लाल वर्मा ( उदयपुर )
● राजप्रमुख – भूपाल सिंह ( उदयपुर नरेश )
● उपराजप्रमुख – भीमसिंह ( कोटा नरेश )
● उद्धाटनकर्ता – पं० जवाहरलाल नेहरू
चौथा चरण
संयुक्त राजस्थान + जयपुर + जोधपुर + जैसलमेर + बीकानेर
इस चरण में संयुक्त राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर का विलय किया
इसका उद्घाटन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया
राजधानी- जयपुर
श्री पी. सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर।
महाराज प्रमुख- भूपाल सिंह
राजप्रमुख- मान सिंह द्वितीय (जयपुर)
उपराजप्रमुख- भीमसिंह
प्रधानमंत्री- हीरालाल शास्त्री
30 मार्च को राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाने का निर्णय
शिक्षा विभाग- बीकानेर
न्याय विभाग- जोधपुर
वन विभाग- कोटा
कृषि विभाग- भरतपुर
खनिज और कस्टम व एक्साइज विभाग- उदयपुर
पंचम चरण
इस चरण में वृहद राजस्थान और मत्स्य संघ को मिलाकर संयुक्त वृहद् राजस्थान की स्थापना की गई।
शंकरादेव समिति की सिफारिश पर मत्स्य संघ को वृहद राजस्थान में मिलाया गया।
राजधानी- जयपुर
महाराज प्रमुख- मानसिंह द्वितीय
उद्घाटनकर्ता – सरदार वल्लभभाई पटेल
वृहद् राजस्थान में मत्स्य संघ को मिलाया ( 18 रियासतें + 3 ठिकाने )
प्रधानमंत्री पद समाप्त व मुख्यमंत्री पद सृजित
प्रथम मुख्यमंत्री – हीरालाल शास्त्री ( मनोनित )
इनको शपथ राजप्रमुख – मानसिंह द्वितीय ने दिलाई ।
छठ चरण
● नाम – राजस्थान संघ
● स्थापना – 26 जनवरी , 1950
● राजधानी – जयपुर
● संयक्त व्रहद राजस्थान में सिरोही ( आबू – देलवाड़ा को छोडकर ) मिलाया ( 19 रियासतें + 3 ठिकाने )
● मुख्यमंत्री – हीरालाल शास्त्री
● राजप्रमुख – मानसिंह द्वितीय
● इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ , अतः राजस्थान को विधिवत् नाम दिया गया ।
सप्तम चरण
● नाम – राजस्थान ( वर्तमान )
● स्थापना – 1 नवम्बर , 1956
● राजधानी – जयपुर
● राजस्थान संघ में सिरोही का आबू देलवाड़ा भाग , अजमेर – मेरवाड़ा व मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले का सुनेल टप्पा जोड़ा गया व झालावाड़ का सिरोज क्षेत्र मध्यप्रदेश को दे दिया ( 26 जिले – राजस्थान का वर्तमान स्वरूप )
● मुख्यमंत्री – माहनलाल सुखाड़िया
● राजप्रमुख की जगह राज्यपाल पद सृजित
● प्रथम राज्यपाल – गुरु मुख निहालसिह




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